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अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के साथ सामान्य जाति वर्ग द्वारा जातिगत भेदभाव एवं दुर्व्यवहार से संबंधित जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति की जिला स्तरीय बैठक ऊना में आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने की। बैठक में अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति वर्ग के साथ सामान्य जाति वर्ग द्वारा जातिगत भेदभाव एवं दुर्व्यवहार से संबंधित पुलिस विभाग में लंबित अन्वेषणाधीन मामलों, न्यायालय में लंबित मामलों, न्यायालय द्वारा तय किए गए मामलों, पीड़ितों को प्रदान की गई राहत राशि तथा राहत राशि के लिए लंबित मामलों के अलावा विभिन्न कारणों से खारिज किए गए मामलों के विषय में विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर उपायुक्त ने उपमंडल स्तर के अधिकारियों को निर्देश दिए कि एट्रोसिटी एक्ट 1989 की अनुपालना के दृष्टिगत उपमंडल स्तर पर भी समितियों का गठन कर प्रत्येक तीन माह में एक बार बैठक करना सुनिश्चित करें।
उपायुक्त ऊना ने बताया कि एससी/एसटी एक्ट 1989 से संबंधित तीन मामलों में पहले व दूसरी किस्त के रूप में 225000 की राहत राशि प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में 30 नवंबर 2023 तक कुल 45 मामले न्यायालय में लंबित है जबकि चार मामले पुलिस विभाग में अन्वेक्षणाधीन है। इसके अतिरिक्त 1 अक्टूबर 2023 से 30 नवंबर 2023 तक तीन मामले न्यायालय द्वारा तय किए गए हैं तथा 9 मामले राहत राशि के लिए लंबित हैं। जबकि दो मामलों को सबूतों के अभाव में खारिज किया जा चुका है।
इस अवसर पर एसडीएम बंगाणा मनोज कुमार, एसडीएम हरोली विशाल शर्मा, एसडीएम ऊना विश्व मोहन देव चौहान, एसडीएम गगरेट शशी पाल शर्मा, जिला न्यायवादी एकलव्य, सहायक जिला न्यायवादी प्रमोद नेगी, एएसपी ऊना संजीव भाटिया, डीएसपी ऊना अजय ठाकुर, बीडीओ ऊना के एल वर्मा, बीडीओ अंब ओम पाल डोगरा, बीडीओ गगरेट नील कमल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति से संबंधित जिला स्तरीय सतर्कता एवं मानिटरिंग समिति के सरकारी व गैर सरकारी सदस्य भी उपस्थित थे
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