उपायुक्त कार्यालय किन्नौर के सभागार में जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक का आयोजन किया गया
किन्नौर जिला के रिकांग पिओ स्थित उपायुक्त कार्यालय के सभागार में आज अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के तहत जिला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता सहायक आयुक्त-उपायुक्त संजीव कुमार भोट ने की।
संजीव कुमार भोट ने जिला के विभिन्न पुलिस थानों के अधिकारियों को उनके थाने में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार से संबंधित पंजीकृत मामलों का विवरण समिति के सामने पेश करने को कहा व साथ ही, माहवार रिपोर्ट सदस्य सचिव, जिला कल्याण अधिकारी किन्नौर को देने को कहा। उन्होंने उप-पुलिस अधीक्षक किन्नौर से आग्रह किया कि अगर पूर्व में कोई मामला दर्ज हुआ है और मामला रद्ध हो चुका है तो उसकी सूचना भी समिति को प्रदान करें।
उन्होंने उपमंडल स्तर पर उपमंडल स्तरीय प्रबोधन एवं सतर्कता समितियों का गठन एवं बैठकों का आयोजन करने के निर्देश दिए व साथ ही जिला प्रबोधन एवं सतर्कता समिति को सदस्य सचिव, जिला कल्याण अधिकारी के द्वारा सूचना प्रदान करने को कहा। उन्होंने जिला कल्याण अधिकारी को अधिनियम के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक की कार्यवाही का संचालन जिला कल्याण अधिकारी किन्नौर बलबीर ठाकुर ने किया। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम-1989 के तहत विभिन्न धाराओं के अंतर्गत पीड़ित को न्यूनतम एक लाख रुपये तथा अधिकतम 8 लाख 25 हजार रुपये तक की राहत राशि देने का प्रावधान है।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सोनम नेगी, उपपुलिस अधीक्षक नवीन जालटा सहित समिति के गैर-सरकारी सदस्य उपस्थित थे।
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