शिमला, 02 जनवरी – उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज यहां अपने कार्यालय कक्ष में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण अधिनियम 2006 के संदर्भ में बैठक ली।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि नगर निगम शिमला को निर्देश दिए गए है कि सभी खाद्य पथ विक्रेताओं का पंजीकरण किया जाए तथा समय-समय पर इनके औचक निरीक्षण करने पर बल दिया जाए। इस कड़ी के अंतर्गत नगर निगम शिमला क्षेत्र में 430 पंजीकरण किए गए हैं तथा 302 लाइसेंस प्रदान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला शिमला में खाद्य पथ विक्रेताओं के 3870 पंजीकरण किए गए हैं और 333 लाइसेंस प्रदान किए गए हैं। इसके अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा अधिनियम पर जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 8 जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया है।
आदित्य नेगी ने बताया कि राजधानी शिमला के साथ लगते पर्यटन स्थलों कुफरी, नालदेहरा व मशोबरा में खाद्य सुरक्षा प्रशिक्षण के तहत 267 खाद्य पथ विक्रेताओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है तथा नगर निगम शिमला में 300 खाद्य पथ विक्रेताओं को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
उन्होंने बताया कि मोबाइल खाद्य जांच लैब द्वारा नगर निगम शिमला क्षेत्र में 326 सैंपल जांचे गए हैं और जिला में 600 सैंपल की जांच की गई है।
उपायुक्त ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग समय-समय पर नगर निगम शिमला क्षेत्र में रेस्तरां व ढाबों का खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में औचक निरीक्षण करते है ताकि स्थानीय जनता के स्वास्थ्य से कोई खिलवाड़ न हो।
इसके अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी ने जिला में एसडीएम/तहसीलदार/नायब तहसीलदार को निर्देश दिए कि वे सड़े-गले हुए फल, सब्जी, मिठाई, चाट और खाद्य पदार्थों को जब्त कर सकते हैं ताकि लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा की जा सके और जल जनित रोगों से लोगांे का बचाव संभव हो सके।
उन्होंने बताया कि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और इन आदेशों की अवहेलना करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. सुरेखा चैपड़ा, जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पाॅल शर्मा, नगर निगम शिमला, शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
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