ऊना, 2 फरवरी – एसडीआरएफ एवं 14 वीं बटालियन एनडीआरएफ के सहयोग से शुक्रवार को दोपहर 12 बजे हरोली उपमंडल तहत बाथड़ी स्थित वर्धमान इस्पात उद्योग परिसर में आपदा प्रबंधन के विषय में एक मॉक ड्रिल आयोजित की गई। मॉक ड्रिल में आगजनी के साथ-साथ अन्य औद्योगिक आपदाओं की स्थिति को दर्शाते हुए राहत व बचाव कार्यों बारे व्यवहारिक अभ्यास किया गया।
मॉक ड्रिल दोपहर 12 बजे चेतावनी सायरन के साथ आरंभ हुई जिसके तुरंत बाद वर्धमान इस्पात उद्योग प्रबंधन द्वारा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दूरभाष नंबर 1077 पर सूचित किया गया तथा डीडीएमए ऊना द्वारा अति शीघ्र संबंधित विभागों को सूचना दी गई। इसके पश्चात वर्धमान इस्पात उद्योग बाथड़ी के परिसर में राहत व बचाव कार्यों को व्यावहारिक रूप में अमलीजामा पहनाए गया। मॉक ड्रिल की पूरी प्रक्रिया मुकम्मल होने के पश्चात सभी प्रतिभागी विभाग एक स्थल पर एकत्रित हुए तथा मॉक ड्रिल प्रक्रिया में की गई कार्रवाई का विस्तृत विश्लेषण किया गया।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकारण के सीइओ महेंद्र पाल गुर्जर ने कहा कि इस मॉक ड्रिल का मुख्य लक्ष्य और उद्देश्य औद्योगिक आपदा प्रबंधन के सम्बन्ध में जिले की आपातकालीन प्रतिक्रिया और मानक संचालन प्रक्रियाओं की समीक्षा करना तथा जिला स्तर पर विभिन्न विभागों के आपातकालीन सहायता कार्यों के बीच समन्वय को बढ़ाना, उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को उजागर करना था ।
इस अवसर पर मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ के इंस्पेक्टर नफीस खान, हिप्र एसडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर एसके ठाकुर, अग्निशमन अधिकारी नितिन धीमान, उद्योग विभाग के सहायक निदेशक सुरेंद्र नेगी, डीडीएमए से धीरज कुमार, वर्धमान इस्पात उद्योग बाथड़ी के प्रबंधको व श्रमिकों के अलावा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पुलिस, अग्निशमन तथा हिमाचल होम गार्ड्स की 12 वीं बटालियन ऊना सहित अन्य विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
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