नादौन 09 फरवरी। कृषि विज्ञान केंद्र बड़ा में हमीरपुर के हिमोउत्थान संस्था के सौजन्य से सब्जियों की संरक्षित खेती पर एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में नादौन और सुजानपुर खंड के लगभग 100 किसानों एवं महिला कृषकों ने भाग लिया।
कृषि विज्ञान केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. विशाल डोगरा ने प्रतिभागियों को सब्जियों की संरक्षित खेती की संभावनाओं और नवीनत्तम तकनीकों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने दैनिक आहार में पोषक तत्वों और इसमें सब्जियों के बेहतर समावेश के बारे में भी विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि सब्जियों की खेती करके किसान अपने दैनिक जरुरतों को पूरी करने के साथ-साथ अच्छी आय भी अर्जित कर सकते हैं। इसलिए, उन्हें पारंपरिक फसलों के साथ-साथ सब्जियों की खेती को भी अपनाना चाहिए।
शिविर के दौरान कीट वैज्ञानिक डॉ. छवि ने सब्जियों की संरक्षित खेती के दौरान फसल को कीटों और रोगों से बचाने के बारे में जानकारी दी तथा इसके लिए कई प्राकृतिक और रासायनिक विधियों का प्रशिक्षण प्रदान किया।
डॉ. नवनीत जरयाल ने भी फसल के पोषण प्रबंधन और सिंचाई प्रबंधन के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कीं।
चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. लवभूषण और उनकी टीम ने किसानों को आधुनिक ड्रोन प्रौद्योगिकी से अवगत करवाया। उन्होंने बताया कि फसलों में दवाई के छिड़काव के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी बहुत ही कारगर, किफायती और सुरक्षित साबित हो सकती है। ड्रोन को एक ही जगह से नियंत्रित किया जा सकता है और इससे छिड़काव के दौरान दवाई की बर्बादी भी नहीं होती है। डॉ. लवभूषण ने बताया कि ड्रोन प्रौद्योगिकी युवाओं के लिए रोजगार का साधन भी हो सकती है। उन्होंने ड्रोन की खरीद के लिए मिलने वाली सब्सिडी के बारे में भी जानकारी दी और किसानों से आग्रह किया कि वे इस तकनीक को अपनाने के लिए आगे आएं।
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