हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक संघ के अध्यक्ष डॉ राजेश राणा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इस बैठक में सभी जिला के प्रतिनिधि, सभी जिला के स्वास्थ्य खंडों के पदाधिकारी और राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य मौजूद थे और
संघ ने स्वास्थ्य विभाग में पदोन्नति न होने और सेवानिवृत चिकित्सकों को पुनः रोज़गार या सेवा विस्तार दिया जाने को युवा चिकित्सकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की चिंताजनक बताया। ज़िला काँगड़ा और हमीरपुर के चीफ मेडिकल ऑफ़िसर्स भी जुगाड़ से रिटायरमेंट के बाद सरकार में डटे हैहैं।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय ने प्रदेश के युवाओं से वादा किया था कि युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाएंगे लेकिन युवा चिकित्सकों के भविष्य को लेकर उनका यह वादा अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है। 8 फरवरी की अधिसूचना में सेवानिवृत चिकित्सक को पुनः राजगार दिया गया है ऐसा करने से सभी प्रशिक्षु चिकिसक भी व्याकुल हो उठे हैं। युवा चिकित्सक भी हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की मांगों को समर्थन देने के लिए सामने आ रहे हैं।
प्रदेश में आज चिकित्सकों का अकाल पड़ा है इस संदर्भ में बार-बार डेपुटेशन और चिकित्सकों का स्थानांतरण किया जा रहा है ऐसा करने से उनकी पारिवारिक जीवन संतुलित हो गया है। चिकित्सकों की भरती ना होने से प्रदेश की जनता को भी बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है। बार-बार डेपुटेशन लगाना और स्थानांतरित करना भी विभाग की असफलता का जीता जागता सबूत है, जिसका खामियाजा चिकित्सकों और उनके परिवार जनों के साथ साथ मरीजों को भी झेलना पड़ रहा है। ऐसा करने से चिकित्सक और मरीज का गहनता एवं गोपनीयता का संबंध भी टूट रहा है। मरीज उनके वहां कार्यरत चिकित्सक को ही दिखाना चाहते हैं उन्हें भी निराशा का सामना करना पड़ रहा है। जिन स्वास्थ्य संस्थानों से चिकित्सकों का तबादला या डेपुटेशन की जा रही है वहां की जनता के साथ भी सीधा-सीधा खिलवाड़ किया जा रहा है। चिकित्सकों के रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती करके इस प्रक्रिया को शीघ्र रोका जाए ताकि चिकित्सकों को मानसिक उत्पीड़न का और अधिक सामना न करना पड़े। जिन 24 x7 स्वास्थ्य संस्थानों में कम पद स्वीकृत है वहां अन्य पद शीघ्र स्वीकृत कराए जाएं ताकि हिमाचल की जनता को घर द्वार बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भारतीय चिकित्सा प्रणाली की नींव है उन्हें रिक्त रखने से ग्रामीण जनता को शहरों का रुख करना पड़ रहा है। गांव से शहरों की तरफ स्वास्थ्य लाभ के लिए जाने से उनकी दिनचर्या भी खराब हो रही है साथी आने-जाने का खर्चा भी बढ़ रहा है। सामुदायिक एवं नागरिक चिकित्सालयों में चिकित्सकों के साथ साथ अन्य कर्मचारियों के पद इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के अनुरूप स्वीकृत नहीं हैं। कम पदों की स्वीकृति और रिक्त पदों के चलते प्रदेश की जनता को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित रखा जा रहा है।
आज चिकित्सकों का काला बिल्ला लगाते हुए 23वां दिन है। इस संदर्भ में हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ मंगलवार 13 फरवरी को माननीय मुख्यमंत्री से वार्ता करेगा और सभी समस्याओं को उनके समक्ष प्रस्तुत करेगा आशा है कि माननीय मुख्यमंत्री महोदय जनहित में संघ की मांगों को शीघ्र पूरा करेंगे।
डॉक्टर विकास ठाकुर महासचिव हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ ने यह जानकारी दी।
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