माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मण्डी की अदालत ने एक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म का अभोयोग सिद्ध होने पर दोषी को भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 376 के तहत सात वर्ष के साधारण कारावास के साथ 25000/- रूपये जुर्माने की सजा सुनाई साथ ही भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 323 के तहत 1 वर्ष के साधारण कारावास के साथ 1000/- रूपये जुर्माने की सजा, भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 458 के तहत 2 वर्ष के साधारण कारावास के साथ 5000/- रूपये जुर्माने की सजा, भारतीय दण्ड सहिंता की धारा 506के तहत 1 वर्ष के साधारण कारावास के साथ 1000/- रूपये जुर्माने की सजा सुनाई l यदि उक्त दोषी जुर्माना अदा नहीं करता है तो सजाओं में एक वर्ष से लेकर एक महीने तक अतिरिक्त साधारण कारावास दोषी को भुगतना पड़ेगाl कारावास की सजाएँ साथ-साथ चलेगींl
लोक अभियोजक मण्डी, श्रीमती नवीना राही ने बताया कि दिनांक 25/11/2016 को पुलिस को शिकायत प्राप्त हुई थी कि 24/11/2016 को पीडिता का पति रिश्तेदारी में शादी में शामिल होने गया थाl पीड़िता घर में अकेली थीl रात को तकरीबन 10 बजेपीडिता कपड़े सिलाई कर रही थी तभी उसके पडोस का एक ब्यक्ति कमरे के अंदर आया और अंदर से दरवाजा बंद करके पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया और पीडिता को धमकी दी कि अगर उसने शोर मचाया तो वह पीडिता को और उसके बच्चों को ख़तम कर देगाl इतने में पीडिता का पति घर आया तो दरवाजा खुलने पर दोषी ने पीडिता के पति के साथ भी मारपीट की और उसके कमरे से भाग गयाl उक्त घटना के आधार पर दोषी के खिलाफ पुलिस थाना गोहर, जिला मण्डी में अभियोग सख्या 173/2016 दर्ज हुआ था। मामले कीछानबीन पूरी होने पर मामले का चालान थाना अधिकारी गोहर द्वारा अदालत में दायर किया था।
माननीय न्यायालय के समक्ष उक्त मामले में सरकार की तरफ से पैरवी जिला न्यायवादी विनोद भारद्वाज, उप जिला न्यायवादी, नितिन शर्मा ने अमल में लायी थी और अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 14गवाहों के ब्यान कलम बन्द करवाए थे।
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