जूडिशियल इन्फ्रास्ट्रक्चर के विस्तार और डिजिटाइजेशन को दी जा रही है प्राथमिकता : मुख्य न्यायाधीश 

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भोरंज 11 मई। हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्रा राव ने शनिवार को भोरंज में सिविल जज कोर्ट का उदघाटन किया। 

मिनी सचिवालय में आयोजित उदघाटन समारोह में उच्च न्यायालय के न्यायधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा भी उपस्थित रहे।

इस अवसर पर सभी जिलावासियों को बधाई देते हुए न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्रा राव ने कहा कि आम लोगों को न्याय सुलभ बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय राज्य में न्यायिक व्यवस्था के लिए एक सुदृढ़ ढांचा विकसित करने पर विशेष रूप से फोकस कर रहा है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की रिपोर्ट में भी यह सामने आया है कि हमारे देश में कई न्यायिक परिसर दशकों पुराने भवनों में ही चल रहे हैं। इसके अलावा हाल ही के वर्षों में न्यायालयों का व्यापक विस्तार भी हुआ है। इसलिए, न्यायिक व्यवस्था में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय तत्परता के साथ कार्य कर रहा है। इसके लिए जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में गठित बिल्डिंग कमेटी विभिन्न जिलों में जमीन उपलब्ध होते ही आधुनिक न्यायिक परिसरों के निर्माण को मंजूरी प्रदान कर रही है। मुख्य न्यायाधीश ने सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों से न्यायिक परिसरों के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध करवाने की प्रक्रियाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने की अपील भी की। उन्होंने भोरंज में न्यायिक परिसर के लिए जमीन उपलब्ध करवाने के लिए जिला प्रशासन का धन्यवाद भी किया।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था में आईटी के अधिक से अधिक उपयोग पर भी बल दिया जा रहा है। इससे न्यायिक व्यवस्था सुदृढ़ एवं दक्ष होगी और आम आदमी को त्वरित न्याय मिलेगा।

उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों में ई-फाइलिंग सिस्टम शुरू कर दिया गया है और अभी तक लगभग 68 हजार केसों की ई-फाइलिंग हो चुकी है। न्यायालयों में आनलाइन पेमेंट की सुविधा भी आरंभ की गई है। प्रदेश के कई जिलों में वर्चुअल कोर्ट भी शुरू किए गए हैं।

इस अवसर पर न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा ने अपने संबोधन में हमीरपुर जिले की न्यायिक व्यवस्था के इतिहास पर प्रकाश डाला और भोरंज में न्यायिक परिसर हेतु भूमि हस्तांतरण प्रक्रिया के लिए प्रशासन का धन्यवाद किया।

 इससे पहले, जिला एवं सत्र न्यायधीश विकास भारद्वाज ने अपने संबोधन में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश, अन्य न्यायधीशों और अन्य सभी अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि भोरंज में लंबे समय से सिविल जज कोर्ट की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। अब यहां कोर्ट खुल जाने से क्षेत्रवासियों को घर द्वार पर ही न्याय सुलभ होगा।

इस अवसर पर बार एसोसिएशन भोरंज के उपाध्यक्ष सुरेश चंद गुलेरिया और अन्य पदाधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश और अन्य सभी अतिथियों का एसोसिएशन की ओर से अभिनंदन किया। एडवोकेट पंकज भारद्वाज ने धन्यवाद संबोधन प्रस्तुत किया। 

समारोह में उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल जेके शर्मा, मुख्य न्यायाधीश के पीपीएस बीएल सोनी, जिलाधीश अमरजीत सिंह, एसपी पदम चंद, जिला न्यायवादी संदीप अग्निहोत्री, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायधीश सचिन रघु, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सूर्य प्रकाश, अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विशाल भमनोत्रा, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी असलम बेग, नादौन की अतिरिक्त मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी दिव्य ज्योति पटियाल, न्यायिक दंडाधिकारी वत्सला चौधरी, शाविक घई और अनुलेखा तंवर, बड़सर की न्यायिक दंडाधिकारी मनु प्रिंजा, एसडीएम संजय स्वरूप, एसडीपीओ सचिन हीरेमथ, अन्य अधिकारी, बार एसोसिएशन भोरंज के पदाधिकारी और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

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