आपदा स्थिति में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कंट्रोल रूम स्थापित- ओम कांत ठाकुर

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मंडी, 4 जुलाई। एसडीएम मंडी ओम कांत ठाकुर ने बताया कि आपदा  स्थिति में लोगों को त्वरित राहत पहुंचाने के लिए उपमण्डल स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है। कंट्रोल रूम का नम्बर 9418191215 है। आपदा की स्थिति में इस नम्बर पर संपर्क किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि आपदा में नुकसान का आकलन और प्रभावितों की त्वरित सहायता के लिए फील्ड में तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कानूनगो और पटवारी मौजूद है। आपदा के समय प्रभावित को किसी प्रकार की सहायता या तीरपाल उपलब्ध करवाने के लिए सरकारी अमला पूरी तरह से तैयार है। 
  उन्होंने बताया कि कुल्लू-मंडी नेशनल हाईवे पर पंडोह कैंची मोड का एनएचएआई के अधिकारियों के साथ जिला की उच्च स्तरीय टीम ने संयुक्त निरीक्षण किया है और उन्हें बताया गया है कि वाहनों की आवाजाही के लिए कैंची मोड सुरक्षित है। कैंची मोड को बहाल करने के लिए 40 से 50 मीटर की फीलिंग की गई है। बारिश के कारण केवल ऊपर की ढीली मिट्टी की तह धंसी है। डंगे को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है। नेशनल हाइवे के प्रोजेक्ट निदेशक ने भी उन्हें बताया कि कैंची मोड पर खतरे की कोई बात नहीं है।
ओम कांत ठाकुर ने बताया कि मंडी-पंडोह सड़क चार मील स्थान पर कलवर्ट बंद होने के कारण सड़क धंसी थी उस कलवर्ट को भी खोल दिया गया है। अगर  इस स्थान पर बरसात में कोई समस्या आती है तो वहां पर मशीनरी तैनात कर दी गई है। सड़क के बंद होने की स्थिति में पूरी तत्परता से सड़क को बहाल कर दिया जाएगा। 

स्वयंसेवी  प्रशासन की मदद के लिए तैयार

आपदा में लोगों की सहायता के लिए स्वयंसेवी पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष इन स्वयंसेवियों में आपदा के दौरान तत्परता के साथ लोगों की भरपूर सहायता की थी। अगर पिछले वर्ष की तरह इस बार भी वैसी बनती हैं तो यह स्वयंसेवी प्रशासन की आंख और कान की तरह कार्य करेंगे। 

आपदा से निपटने के लिए विभागों को दिए गए दिशा निर्देश

उन्होंने बताया कि आपदा से निपटने के लिए विभागीय स्तर पर पूरी तैयारी कर ली गई है। समय-समय पर बैठकोें का आयोजन करके उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं। बरसात में कहीं पर सड़क बंद होती है, बिजली-पानी की सप्लाई बाधित होती है। उसे निर्धारित समय अवधि में बहाल करने की रोजाना रिपोर्ट ली जा रही है। 
पराशर झील न जाएं पर्यटक 
उन्होंने बताया कि पराशर झील जाने की मुख्य सड़क बंद हो गई है। वहीं पराशर जाने के अन्य वैकल्पिक रास्ते भी बरसात के कारण खतरनाक हो गए हैं। उन्होंने लोगों से और पर्यटकों से अनुरोध किया है कि सड़क ठीक होने तक पराशर जाने से परहेज करें। 

ब्यास नदी के किनारे न जाएं पर्यटक और आम नागरिक

उन्होंने कहा कि बरसात में ब्यास नदी के बहाव में आ रहा उतार-चढ़ाब आ रहा है। कभी नदी का बहाव कम हो रहा है तो कभी एकदम से बहाव बढ़ जा रहा है। इसलिए ब्यास नदी के किनारे न जाएं। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया है कि बरसात में आवश्यक न हो तो घर में ही सुरक्षित रहें।

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