सभी के लिए शाश्वत प्रेरणा है वीर सैनिकों का जीवन और त्याग – अपूर्व देवगन

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मंडी, 26 जुलाई। कारगिल विजय दिवस की 25 वीं वर्षगांठ पर मंडी जिला वासियों ने भारतीय सेना के वीर सैनिकों और अमर शहीदों को भावपूर्ण नमन किया गया। मंडी के शहीद स्मारक में जिला प्रशासन, सैनिक कल्याण विभाग के सौजन्य से जिला स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन, पुलिस अधीक्षक साक्षी वर्मा, नगर निगम महापौर विरेंद्र भट्ट, जिला सैनिक कल्याण विभाग के उपनिदेशक कर्नल गोपाल गुलेरिया, ले0 जनरल राकेश कपूर, कर्नल (सेवानिवृत) केके मल्होत्रा, कर्नल प्रताप सिंह, कर्नल हरीश वैध, कर्नल एसके मण्डयाल, लीग के पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष कैप्टन कशमीर सिंह के अलावा वीर नारियों, पूर्व सैनिकों, एनसीसी कैडेटों व स्थानीय नागरिकों ने शहीद स्मारक में शहीदों को पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की और देश के प्रति एकता और अखण्डता की शपथ ली। इस मौके पर उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कारगिल युद्ध की वीर नारियों को सम्मानित किया तथा उनके प्रति कृतज्ञता जताई। सभी के लिए शाश्वत प्रेरणा है वीर सैनिकों का जीवन और त्याग – उपायुक्त कार्यक्रम में उपायुक्त अपूर्व देवगन ने भारतीय सैनिकों के बलिदान को स्मरण करते हुए उनके शौर्य और पराक्रम को नमन किया। उन्होंने कहा कि देश की रक्षा और सीमाओं को अक्षुण्ण रखने के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर सपूतों के बलिदान की गाथा हर भारतीय को गर्व से भर देती है। उनका जीवन और त्याग सभी के लिए शाश्वत प्रेरणा है। वीर नारियों को सम्मानित करना गौरव की बात- कशमीर सिंह पूर्व सैनिक लीग के अध्यक्ष कैप्टन कशमीर सिंह ने कहा कि हमें देश पर कुर्बान होने वाले सैनिकों, वीर नारियों और परिजनों को हमेशा याद करना चाहिए और ऐसे मौकों पर उनको सम्मानित करना गौरव की बात है उन्होंने इसके लिए प्रशासन विशेषकर उपायुक्त मंडी का आभार व्यक्त किया। जिला एक्स सर्विसमैन लीग के महासचिव कैप्टन हेतराम शर्मा ने सभी का स्वागत किया।इस मौके पर कर्नल (सेवानिवृत) टीपीएस राणा, कर्नल वीके तपवाल, कैप्टन जीसी सैणी, कर्नल खेम सिंह ठाकुर सहित अन्य पूर्व सैनिक उपस्थित रहे। उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। 26 जुलाई को इसलिए मनाया जता है विजय दिवस कारगिल का युद्ध 25 मई, 1999 से 26 जुलाई, 1999 तक चला था। इस युद्ध में भारतीय सैनिकों के पराक्रम के सामने पाकिस्तानी सेना को मंुह की खानी पड़ी थी और वह बुरी तरह पराजित हुई थी। 25 जुलाई आते आते भारतीय सेनाओं ने पूर्णतया अपनी सरहदों तथा मोर्चों पर कब्जा कर लिया था। 26 जुलाई 1999 को युद्ध विराम हुआ था। इसलिए भारतीय सेना के विजयी पराक्रम और शौर्य को स्मरण व नमन करने के लिए हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। 527 वीर सैनिकों ने दी थी प्राणों की आहुति इस युद्ध में देश के 527 वीर सैनिकों ने अपने प्राणों की आहुति दी। युद्ध में भारतीय सेना के 1367 सैनिक घायल हुए थे। देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले वीर सपूतों में हिमाचल के के 52 रणबांकुरों थे, जिनमें 12 वीर सैनिक ने मंडी जिले के थे। इस युद्ध में 4 सर्वोच्च सम्मान, 4 परमवीर चक्र मिले थे, जिसमें 2 परमवीर चक्र प्रदेश के शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा (मरणोपरांत) तथा सेवारत सिपाही संजय कुमार(अब आनरेरी कैप्टन) को मिला था। इन वीर सैनिकों पर देश तथा प्रदेश वासियों को नाज है।

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