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ऊना, 6 अगस्त. उपायुक्त जतिन लाल ने मंगलवार को ऊना जिले में युवा एवं महिला कल्याण को समर्पित एक नई पहल ‘सामर्थ्य’ का शुभारंभ किया। जिला प्रशासन की इस पहल में युवाओं, महिलाओं और समाज के विभिन्न वर्गों को सशक्त बनाने और सामुदायिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों और गतिविधियों के माध्यम से काम किया जाएगा।
उपायुक्त जतिन लाल ने शुभारंभ कार्यक्रम में बताया कि इसमें 6 मुख्य घटकों – फिटनेस, प्रतिस्पर्धात्मकता, कला एवं संस्कृति, उद्यमिता, जागरूकता एवं नियंत्रण और सामाजिक मूल्यों के संवर्धन के लिए काम किया जाएगा। मुख्यतः संरचनात्मक निर्माण के साथ साथ प्रोत्साहन पूर्ण वातावरण के सृजन पर फोकस रहेगा। उन्होंने जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सौजन्य से लागू इस पहल की सफलता में जिले की औद्योगिक इकाइयों से सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अंतर्गत सक्रिय सहयोग का आग्रह किया। इस मौके उपायुक्त ने खुद डोनेशन की पहल करते हुए रेडक्रॉस को अपनी ओर से 25 हजार का अंशदान दिया। उन्होंने सभी जिला वासियों से इस पहल में भागीदार बनने तथा आर्थिक सहयोग की अपील की।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का नशा मुक्त हिमाचल बनाने पर विशेष जोर है। इसके साथ ही, वे आत्मनिर्भर हिमाचल के निर्माण के लिए युवाओं और महिलाओं के स्वावलंबन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सामर्थ्य इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने पर फोकस रहेगा, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें और सामुदायिक विकास में अपना योगदान दे सकें।
ये हैं 6 मुख्य घटक
जतिन लाल ने कार्यक्रम के 6 मुख्य घटकों की जानकारी देते हुए बताया कि पहले घटक फिटनेस के तहत, युवाओं को नशे से बचाने और उनकी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के मकसद से पंचायत स्तर पर ओपन जिम्नेजियम, खेल के मैदान, योग कोर्ट और सामुदायिक खेल आयोजनों पर बल दिया जाएगा। दूसरे घटक प्रतिस्पर्धात्मकता के अंतर्गत, बच्चों को प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी में मदद करना शामिल है, जिसमें यूपीएससी कोचिंग, उच्च अध्ययन छात्रवृत्ति, पठन कक्ष और सेना प्रवेश परीक्षा की तैयारी में सहायता की जाएगी। तीसरे घटक कला एवं संस्कृति में कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए शिल्प, संस्कृति केंद्र, महोत्सव, उत्सव, सांस्कृतिक दौरे और भाषा पाठ्यक्रमों पर फोकस किया जाएगा। चौथे घटक उद्यमिता के तहत, आजीविका केंद्र, नौकरी मेले, स्वयं सहायता समूह सहयोग और कृषि आधुनिकीकरण पर बल दिया जाएगा। पाँचवे घटक जागरूकता और नियंत्रण में, नशा मुक्ति अभियान, स्वच्छता अभियान, पर्यावरण संरक्षण और कुपोषण उन्मूलन पर काम किया जाएगा। छठे घटक श्सामाजिक मूल्य संवर्धनश् के तहत, महिला सशक्तिकरण, मूल्यपरक शिक्षा कैंप, रक्तदान शिविर और सामुदायिक सेवा गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
उपायुक्त जतिन लाल ने शुभारंभ कार्यक्रम में बताया कि इसमें 6 मुख्य घटकों – फिटनेस, प्रतिस्पर्धात्मकता, कला एवं संस्कृति, उद्यमिता, जागरूकता एवं नियंत्रण और सामाजिक मूल्यों के संवर्धन के लिए काम किया जाएगा। मुख्यतः संरचनात्मक निर्माण के साथ साथ प्रोत्साहन पूर्ण वातावरण के सृजन पर फोकस रहेगा। उन्होंने जिला रेडक्रॉस सोसाइटी के सौजन्य से लागू इस पहल की सफलता में जिले की औद्योगिक इकाइयों से सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के अंतर्गत सक्रिय सहयोग का आग्रह किया। इस मौके उपायुक्त ने खुद डोनेशन की पहल करते हुए रेडक्रॉस को अपनी ओर से 25 हजार का अंशदान दिया। उन्होंने सभी जिला वासियों से इस पहल में भागीदार बनने तथा आर्थिक सहयोग की अपील की।
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का नशा मुक्त हिमाचल बनाने पर विशेष जोर है। इसके साथ ही, वे आत्मनिर्भर हिमाचल के निर्माण के लिए युवाओं और महिलाओं के स्वावलंबन पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सामर्थ्य इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसमें समाज के हर वर्ग को सशक्त बनाने पर फोकस रहेगा, ताकि वे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकें और सामुदायिक विकास में अपना योगदान दे सकें।
ये हैं 6 मुख्य घटक
जतिन लाल ने कार्यक्रम के 6 मुख्य घटकों की जानकारी देते हुए बताया कि पहले घटक फिटनेस के तहत, युवाओं को नशे से बचाने और उनकी ऊर्जा को सही दिशा में लगाने के मकसद से पंचायत स्तर पर ओपन जिम्नेजियम, खेल के मैदान, योग कोर्ट और सामुदायिक खेल आयोजनों पर बल दिया जाएगा। दूसरे घटक प्रतिस्पर्धात्मकता के अंतर्गत, बच्चों को प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी में मदद करना शामिल है, जिसमें यूपीएससी कोचिंग, उच्च अध्ययन छात्रवृत्ति, पठन कक्ष और सेना प्रवेश परीक्षा की तैयारी में सहायता की जाएगी। तीसरे घटक कला एवं संस्कृति में कला और संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए शिल्प, संस्कृति केंद्र, महोत्सव, उत्सव, सांस्कृतिक दौरे और भाषा पाठ्यक्रमों पर फोकस किया जाएगा। चौथे घटक उद्यमिता के तहत, आजीविका केंद्र, नौकरी मेले, स्वयं सहायता समूह सहयोग और कृषि आधुनिकीकरण पर बल दिया जाएगा। पाँचवे घटक जागरूकता और नियंत्रण में, नशा मुक्ति अभियान, स्वच्छता अभियान, पर्यावरण संरक्षण और कुपोषण उन्मूलन पर काम किया जाएगा। छठे घटक श्सामाजिक मूल्य संवर्धनश् के तहत, महिला सशक्तिकरण, मूल्यपरक शिक्षा कैंप, रक्तदान शिविर और सामुदायिक सेवा गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाएगा।
25 जरूरतमंद लड़कियों की पढ़ाई का खर्च उठाएगा प्रशासन
‘सामर्थ्य’ का शुभारंभ करते हुए उपायुक्त जतिन लाल ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की लड़कियों को उच्च शिक्षा में सहायता के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत प्रशासन गरीब परिवारों की 25 जरूरतमंद लड़कियों की पढ़ाई का खर्च वहन करेगा। इस योजना के तहत, वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए उपायुक्त कार्यालय में 25 अगस्त तक आवेदन किया जा सकता है।
इसमें केवल वे लड़कियां आवेदन के लिए पात्र हैं जिनके पिता का स्वर्गवास हो चुका है या जिनके पिता 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हैं। आवेदक ऊना जिले की निवासी होनी चाहिए, किसी अन्य योजना की लाभार्थी नहीं होनी चाहिए, और उनके परिवार की वार्षिक आय 50,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। चयनित लड़कियों को उनकी डिग्री या उच्च शिक्षा के लिए 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। पहले चरण में 25 लड़कियों का चयन उनके अंक और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर किया जाएगा। आवेदन से संबंधित जानकारी उपायुक्त कार्यालय के कक्ष सं. 413 से प्राप्त की जा सकती है।
उद्योग जगत ने सराहा, सहयोग के लिए बढ़ाए हाथ
सामर्थ्य के शुभारंभ कार्यक्रम में उपायुक्त ने जिले की औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम के कार्यान्वयन और सहयोगात्मक पहलुओं पर चर्चा की। औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों ने उपायुक्त के विजन और इस नई पहल की खुले मन से सराहना की और हर तरह से सहयोग देने का संकल्प किया। सीधे संवाद में उन्होंने कार्यक्रम के विभिन्न घटकों में अपनी भागीदारी का भरोसा दिया।
उपायुक्त जतिन लाल की सोच का सुफल है ‘सामर्थ्य’
‘सामर्थ्य’ कार्यक्रम उपायुक्त जतिन लाल की सामाजिक सरोकार को समर्पित सोच का परिणाम है। उपायुक्त ने बताया कि अपनी आईएएस प्रोबेशन अवधि के दौरान उन्हें समाज की जरूरतों को समझने का मौका मिला। उन्होंने पाया कि सामुदायिक विकास पर केंद्रित एक ऐसी पहल की आवश्यकता है, जिसमें युवाओं को सही दिशा देने, उन्हें स्वावलंबी बनाने और महिला कल्याण के कार्य किए जाएं। जब वे डीसी बने, तो अपने इस विजन को जमीन पर उतारने का अवसर मिला। उन्होंने सभी से एक टीम की तरह काम करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर, संयुक्त निदेशक उद्योग अंशुल धीमान, रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव एवं सीपीओ संजय सांख्यान, जिले के सभी एसडीएम, औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
‘सामर्थ्य’ का शुभारंभ करते हुए उपायुक्त जतिन लाल ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की लड़कियों को उच्च शिक्षा में सहायता के लिए एक कार्यक्रम की शुरुआत की। इस कार्यक्रम के तहत प्रशासन गरीब परिवारों की 25 जरूरतमंद लड़कियों की पढ़ाई का खर्च वहन करेगा। इस योजना के तहत, वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए उपायुक्त कार्यालय में 25 अगस्त तक आवेदन किया जा सकता है।
इसमें केवल वे लड़कियां आवेदन के लिए पात्र हैं जिनके पिता का स्वर्गवास हो चुका है या जिनके पिता 70 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हैं। आवेदक ऊना जिले की निवासी होनी चाहिए, किसी अन्य योजना की लाभार्थी नहीं होनी चाहिए, और उनके परिवार की वार्षिक आय 50,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। चयनित लड़कियों को उनकी डिग्री या उच्च शिक्षा के लिए 2 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। पहले चरण में 25 लड़कियों का चयन उनके अंक और शैक्षणिक योग्यता के आधार पर किया जाएगा। आवेदन से संबंधित जानकारी उपायुक्त कार्यालय के कक्ष सं. 413 से प्राप्त की जा सकती है।
उद्योग जगत ने सराहा, सहयोग के लिए बढ़ाए हाथ
सामर्थ्य के शुभारंभ कार्यक्रम में उपायुक्त ने जिले की औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम के कार्यान्वयन और सहयोगात्मक पहलुओं पर चर्चा की। औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों ने उपायुक्त के विजन और इस नई पहल की खुले मन से सराहना की और हर तरह से सहयोग देने का संकल्प किया। सीधे संवाद में उन्होंने कार्यक्रम के विभिन्न घटकों में अपनी भागीदारी का भरोसा दिया।
उपायुक्त जतिन लाल की सोच का सुफल है ‘सामर्थ्य’
‘सामर्थ्य’ कार्यक्रम उपायुक्त जतिन लाल की सामाजिक सरोकार को समर्पित सोच का परिणाम है। उपायुक्त ने बताया कि अपनी आईएएस प्रोबेशन अवधि के दौरान उन्हें समाज की जरूरतों को समझने का मौका मिला। उन्होंने पाया कि सामुदायिक विकास पर केंद्रित एक ऐसी पहल की आवश्यकता है, जिसमें युवाओं को सही दिशा देने, उन्हें स्वावलंबी बनाने और महिला कल्याण के कार्य किए जाएं। जब वे डीसी बने, तो अपने इस विजन को जमीन पर उतारने का अवसर मिला। उन्होंने सभी से एक टीम की तरह काम करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्र पाल गुर्जर, संयुक्त निदेशक उद्योग अंशुल धीमान, रेडक्रॉस सोसायटी के सचिव एवं सीपीओ संजय सांख्यान, जिले के सभी एसडीएम, औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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