अंतर्राष्ट्रीय फिल् ममहोत्सव शिमला में कैदियों के लिए विशेष स्क्रीनिंग का होगा आयोजन

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शिमला: 13/08/2024

महात्मा गांधी के प्रसिद्ध वचन, “पाप से घृणा करो, पापी सेनहीं” को सार्थक करते हुए, शिमला का अंतर्राष्ट्रीय फिल्ममहोत्सव (आईएफएफएस) अपने 10वें संस्करण से  एक बारफिर जेल की अँधेरी दीवारों को फिल्म स्क्रीन से रोशन करेगा। अपने पिछले संस्करणों की तरह आईएफएफएस एक बारफिर मॉडल सेंट्रल जेल कांडा और मॉडल सेंट्रल जेल नाहन मेंफिल्म महोत्सव की विशेष स्क्रीनिंग आयोजित करेगा, फिल्ममहोत्सव 16 से 18 अगस्त, 2024 तक शिमला के गेयटीहेरिटेज कल्चरल कॉम्प्लेक्स में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, भाषा एवं संस्कृति विभाग (एलएसी) हिमाचलप्रदेश सरकार के तत्वावधान में हिमालयन वेलोसिटी द्वाराकिया जा रहा है।

यह छठी बार है जब आईएफएफएस अपनी स्क्रीनिंग को तीनअलग-अलग स्थानों तक विस्तार कर रहा है। दो जेलों कोस्क्रीनिंग स्थानों के रूप में शामिल करने का निर्णय सिनेमा केकौशल के माध्यम से  जेल के अंदर और बाहर की दुनिया केबीच के अंतर को पाटने के साथ-साथ कैदियों कीरचनात्मकता का विकास करना भी  है। इस पहल के माध्यमसे, आईएफएफएस  कैदियों को प्रेरित करने की उम्मीद करताहै जो समाज में अपनी पुनर्स्थापना करने का प्रयास कर रहे हैं।

फिल्म महोत्सव के निदेशक पुष्प राज ठाकुर ने कहा कि जेलमें आईएफएफएस फिल्म स्क्रीनिंग अब कैदियों के लिएमहत्वपूर्ण वार्षिक गतिविधियों में से एक है। यह पहल कैदियोंको समाज के साथ फिर से जोड़ने और उत्साह को जीवंतकरने का अवसर प्रदान करती है । मुझे उम्मीद है कि यहनिश्चित रूप से जेल सुधार में एक बड़ा कदम साबित होगा।

फिल्म महोत्सव के निदेशक पुष्प राज ठाकुर ने कहा किसंस्थागत होने के डर से जूझते हुए, सलाखों के पीछे उन्हें जिनचुनौतियों का सामना करना पड़ता है, वे बाहर की संघर्षों सेअलग हैं, कैदी अपने कर्मों के लिए पश्चाताप तो करते ही हैसाथ ही मानसिक तनाव से भी गुज़र रहे होते हैं । सिनेमा मेंसमकालीन समाज को दर्शाने वाली प्रभावशाली कहानियों मेंइन कैदियों की रचनात्मकता को बढ़ावा देने की क्षमता है  औरव्यक्तिगत विकास का एक मूल्यवान माध्यम भी  प्रदान करताहै ।

शिमला के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 10वां संस्करण 16से 18 अगस्त, 2024 तक  शिमला में स्थित ऐतिहासिकगेयटी हेरिटेज कल्चरल काम्प्लेक्स  में आयोजित किया जारहा  है ।

इस वर्ष 27 देश और 22 राज्य इस प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सवमें हिस्सा ले रहे हैं, जो विविध संस्कृतियों और दृष्टिकोणों केमाध्यम से कला को दर्शाता है । अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी में अमेरिका, बेल्जियम, ईरान, कनाडा, चीन, चेक गणराज्य, तुर्की, नेपाल, मिस्र, बांग्लादेश, इटली, पोलैंड, अर्जेंटीना, स्वीडन, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और दुबई के फिल्म निर्माताभाग ले रहे हैं तथा भारत से 20 राज्य केरल, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मणिपुर, असम, दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल, कश्मीर, उत्तराखंड, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक औरहिमाचल प्रदेश भाग ले रहे हैं।

इस महोत्सव में अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य श्रेणी मेंप्रतियोगिताएं होंगी। मुद्दों, विषयों, देशों और फिल्म निर्माताओंके कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने वाले विशेष रूप से क्यूरेटकिए गए सत्र भी होंगे । कार्यक्रम में फिल्मों की स्क्रीनिंग, फिल्म संस्थानों, फिल्म समीक्षकों और फिल्म उद्योग केविशेषज्ञों के साथ सेमिनार/कार्यशाला सत्र भी शामिल होंगे।तीन दिवसीय महोत्सव में 60 स्वतंत्र निर्देशक भी सम्मिलितहोंगे, जिनकी फिल्में महोत्सव में दिखाई जाएंगी ।

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