जिला मजिस्ट्रेट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163(सीआरपीसी 144) के अर्न्तगत किए आदेश
मंडी, 18 अगस्त। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163(सीआरपीसी 144) के अर्न्तगत आदेश जारी करके जिला मजिस्ट्रेट अपूर्व देवगन ने मंडी जिला में किसी भी व्यवसायी, ठेकेदार, कृषक या व्यक्ति द्वारा राज्य या जिला से बाहर से आने वाले श्रमिकों को काम पर रखने से पहले उनका पूरा विवरण तस्वीर सहित संबंधित पुलिस स्टेशन में उपलब्ध करवाना अनिवार्य किया है। इसके साथ ही जिला में किसी भी स्थान पर अस्थायी निवास करने वाले सभी रेहड़ी, फड़ी,फेरीवाले और ठेका मजदूरों को भी पुलिस स्टेशन में अपना पंजीकरण करवाना होगा। आदेशों का उल्लंघन पर करने का प्रवासी मजदूर या उसके नियोक्ता के खिलाफ मुकदमा चलाया जा सकता है। यह आदेश विभिन्न मेलों में आने वाले श्रमिकों पर लागू नहीं होंगे।
जिला मजिस्टेªट ने बताया कि पुलिस अधीक्षक मंडी द्वारा यह बात ध्यान में लाई गई थी कि जिले में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर बाहर से काम करने के लिए आ रहे हैं। उनका पुलिस स्टेशन या पुलिस चौकी स्तर पर उनका पंजीकरण करने के बाद, उनके मूल स्थानों से सत्यापित किया जाना जरूरी है ताकि नौकरी चाहने वालों की आड़ में असामाजिक तत्व बड़े पैमाने पर जनता के लिए किसी भी प्रकार का खतरा पैदा न कर सकें।
जिला मजिस्टेªट ने बताया कि बाहर से आने वाले प्रवासी कुछ संदिग्ध चरित्र के हो सकते हैं और उन पर दोषसिद्धि हो सकती है। वह जिला में अपराध कर फरार हो सकते हैं और समाज के साथ-साथ कानून-व्यवस्था के लिए भी समस्या खड़ी कर सकते हैं। इसके अलावा प्रवासी मजदूरों की भागीदारी के कारण भी जिला में महिलाओं के खिलाफ अपराध भी बढ़ रहे हैं। कई मामलों में नियोक्ताओं को मजदूरों के चरित्र और उनके ठिकाने के बारे में पता नहीं होता है। ऐसी आशंका रहती है कि ऐसे व्यक्ति जिस स्थान पर निवास कर रहे हैं, उस स्थान पर अपनी जानकारी न देने के कारण असामाजिक गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। इसके साथ वह मानव जीवन और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं। इस कारण से जिला यह प्रदेश से बाहर से आने वाले श्रमिकांे का पुलिस स्टेशन में पंजीकरण अनिवार्य करने के आदेश जारी किए हैं।
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