कृषि निदेशक कुमुद सिंह ने आज यहां बताया कि कृषि अभियान्त्रिकी के अर्न्तगत सरकार द्वारा पहाड़ी खेती के मशीनीकरण के लिए प्रदेश के किसानों में नये विकसित उपकरण तथा आधुनिक मशीनरी को प्रचलित किया जा रहा है। विभाग द्वारा किसानों को बड़े स्तर पर ट्रैक्टर, पावर टिलर व पावर वीडर इत्यादि उपदान पर उपलब्ध करवायें जा रहे है। कृषि विभाग हिमाचल कृषि अभियांत्रिकी उप मिशन के अंतर्गत किसानों को जो भी कृषि उपकरण अनुदान पर मिलते हैं, इसके लिए किसान विभाग के डी बी टी पोर्टल ीजजचरूध्ध्ंहतपउंबीपदमतलण्दपबण्पद के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। किसान ट्रैक्टर, पावर वीडर या कल्टीवेटर की खरीद के लिए किसान पोर्टल के माध्यम से अनुदान हेतु आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल पूर्ण पारदर्शी तरीके से तथा पहले आओ पहले पाओ के सिद्धांत पर काम करता है। यह पोर्टल 19 सितम्बर, 2024 से दोपहर 12 बजे से इस वर्ष के लिए सक्रिय हो जायेगा तथा हर जरूतमंद किसान इसके माध्यम से आवेदन कर सकता है। कृषि यंत्र लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध होते हैं। उन्होंने किसानों से आग्रह करते हुए कहा कि केवल भारत सरकार से पंजीकृत फर्म/स्वीकृत मॉडल ही खरीदें ताकि बाद में उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
कृषि निदेशक ने कहा कि मशीनें आधुनिक कृषि का एक महत्वपूर्ण अंग है। बहुफसली सघन खेती की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि सभी कृषि कार्यों को समय पर तथा कुशलता से निपटाया जाये। इस कार्य को कुशल तथा आसानी से चलाई जा सकने वाली मशीनों तथा उपकरणों से ही किया जा सकता है। मशीनों तथा उपकरणों से कृषि कार्यों को करने में आसानी होती है और कार्य शीघ्रता से निपटाया जाता है तथा कार्य के लिये किया जा रहा अनावश्यक श्रम भी कम होता है। उन्होंने कहा कि मशीनों से किसानों की कार्य क्षमता तथा आमदनी बढ़ती है। खेती की लागत कम होती है तथा उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ती है। कृषि विभाग द्वारा निरन्तर प्रयत्न किया जा रहा है कि किसानों को नई आधुनिक मशीने तथा उपकरण उपलब्ध करवाये जाएं। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति तथा खेतों के छोटे आकार के कारण अधिक भारी मशीनरी का प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
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