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ऊना, 28 सितंबर: भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के तहत जिला ऊना की सलाहाकार समिति की तीसरी तिमाही की बैठक आज एडीसी ऊना डॉ. अमित कुमार शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
बैठक में एडीसी ने बताया कि जिला में लगभग 895 फूड लाइसेंस ऑपरेटर और 9957 फूड बिज़नेस ऑपरेटर भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण एक्ट के तहत पंजीकृत है। एडीसी ने बताया कि खाद्य निर्माताओं को प्रत्येक वर्ष वार्षिक रिटर्न जमा करवानी होती है, रिटर्न न भरने पर खाद्य निर्माताओं को जुर्माने के साथ रिटर्न भरनी होती है। उन्होंने बताया कि लाइसेंस बनाने के लिए www.foscos.fssai.gov.in वेबसाइट पर आवेदन किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड के तहत जिला में 1 अप्रैल से अब तक 88 नमूने एकत्रित किए गए हैं, जिसमें से 9 सैंपल मिस ब्रैंड्ड जबकि 5 नमूने गुणवत्ता मानकों में ठीक नहीं पाए गए, जिसके तहत खाद्य निर्माताओं को एक्ट के अनुसार जुर्माना डाला गया। एडीसी ने कहा कि मीड डे मील, आंगनबाड़ी व आबकारी एवं कराधान के लिकर वेंडर भी एक्ट की श्रेणी में आते हैं। उन्होंने इन सभी को भी बिजनेस ऑपरेटर लाइसेंस के तहत पंजीकरण करवाने को कहा। एडीसी ने बताया जिला में फूड सेफ्टी की ओर से न्यू पहल बी ईट राईट कैंपस की शुरूआत की गई है जिसके तहत जिला में पांच कैंपसों को ईट राईट घोषित किया जाएगा तथा 50 होटल, रैस्टोरेंट या ऑपरेटरों की हाइजिन रेटिंग की जाएगी। इसके अलावा दुकानों व होटलों में रिफाईंड तेल को तीन बार से अधिक प्रयोग में लाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
एडीसी ने बताया कि रूको अभियान के तहत सरकार इस तेल की 30 रूपये प्रति लीटर के हिसाब से बिजनेस ऑपरेटरों से खरीद कर रही है। इस तेल का प्रयोग बायो डीजल के लिए किया जाता है। जिला में अब तक दुकानदारों व होटलों से लगभग 350 लीटर तेल एकत्रित किया गया है। एडीसी ने बिजनेस ऑपरेटरों से अपील की है कि वे रिफाईंड तेल का प्रयोग तीन बार से अधिक न करें। तीन बार प्रयोग किए हुए तेल का रूको अभियान के तहत सरकार को दें।
इस अवसर पर सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा जगदीश धीमान, जिला स्वास्थ्य अधिकारी ऊना डॉ सुखद्वीप सिंह सिधू, डीएफएससी राजीव शर्मा, पीओ डीआरडीए संजीव ठाकुर सहित संबंधित विभागों के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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