एफसीए मामलों के निपटारे के लिए वन विभाग तकनीकी सहयोग देने को तैयार-अजीत ठाकुर
मंडी, 10 अक्तूबर। मुख्य अरण्यपाल मण्डी अजीत कुमार ठाकुर की अध्यक्षता में आज मुख्य अरण्यपाल कार्यालय में एफसीए (फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट )मामलों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मंडी वन वृत में कुल 187 मामले लंबित हैं जिनमें से 50 में सैद्धांतिक अनुमति स्टेज-1 मिल चुकी हैं तथा 112 मामले यूजर एजेंसी द्वारा कार्यवाही न किए जाने के कारण केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पोर्टल से स्वतः ही हट गए हैं। डीएफओ स्तर पर केवल 3 मामले लंबित हैं।
मुख्य अरण्यपाल अजित कुमार ठाकुर ने लम्बे समय से लंबित मामलों के निपटारे के लिए विभागीय अधिकारियों को बताया कि विभिन्न स्तरों में लगाई गई टिप्पणियों पर कार्यवाही करें ताकि मामलों को स्वीकृति मिल सके। उन्होंने बताया कि परिवेश 1.0 और 2.0 में यदि 90 दिन तक टिप्पणियों का जवाब नहीं देते हैं तो इन मामलों को सॉफ्टवेयर अपने आप ही इन मामलों को हटा देता है। इसलिए विभागों को ध्यान देने की जरूरत है।
मुख्य अरण्यपाल ने विभागों से कहा कि यदि उन्हें वन विभाग से कोई तकनीकी सहयोग चाहिए तो विभाग के डीएफओ उनकी हर मदद करेंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह एफसीए से जुड़े सभी मामलों को त्वरित ध्यान दे ताकि शीघ्र अति शीघ्र विकासात्मक कार्यों के लिए भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो।
बैठक में डीएफओ (जिला मुख्यालय) अंबरीश शर्मा, डीएफओ एसएस कश्यप, डीएफओ मंडी बसु डोगर, जल शक्ति और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।
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