मंडी 14 अक्तूबर। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने सोमवार को क्षेत्रीय अस्पताल मंडी में आयोजित की जा रही तीन दिवसीय अस्पताल सुरक्षा व अस्पताल आपदा प्रबंधन प्लान कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यशाला का आयोजन गैर सरकारी संस्था बाल रक्षा भारत और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण मंडी द्वारा किया गया है। जिसमें स्वास्थ्य, आयुष और पशुपालन विभाग के 40 चिकित्सक से अधिक चिकित्सक भाग ले रहे हैं।
इस तीन दिवसीय कार्यशाला में चिकित्सकों को स्वास्थ्य सुविधाओं पर आपदाओं के प्रभाव की जानकारी, आपदा प्रतिक्रिया में अस्पतालों की भूमिका तथा आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया में सुधार के लिए रणनीति विकसित की जाएगी। उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं पर आपदा के प्रभाव को कम करने के लिए बहुआयामी योजना आवश्यक होती है। आपदा के समय सबसे ज्यादा जरूरी होता है स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल रखना। उन्होंने कहा कि आपदा से निपटने के लिए चिकित्सकों का भी प्रशिक्षित होना उतना ही जरूरी है जितना अन्यों का है। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान बच्चों की मानसिक स्थिति प्रभावित होती है और उनके विकास पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। इस बारे बाल रक्षा भारत के प्रतिनिधि विशेष तौर पर जानकारी देंगे।
बाल रक्षा सहयोग की प्रतिनिधि डॉ तन्वी ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य फोकस यह है कि स्वास्थ्य सुविधाओं को कैसे तैयार किया जाए कि आपदा के समय लोगों की सहायता के लिए त्वरित प्रतिक्रिया हो। संस्था के प्रतिनिधि मोहम्मद आसिफ और सुनील कुमार ने बच्चों के स्वास्थ्य पर आपदाओं का प्रभाव बारे विस्तृत जानकारी दी।
कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर एडीएम डॉ मदन कुमार, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेन्द्र भारद्वाज, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश ठाकुर, डॉ पवनेश, डीडीएमए से प्रीति नेगी और सुरजीत उपस्थित रहे।
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