मुख्यमंत्री निशुल्क दवाई योजना बन रही वरदान

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जिला शिमला में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 1 करोड़ 36 लाख की दवाईयां वितरित

जिला में मुख्यमंत्री निशुल्क दवाई योजना के तहत लोगों को काफी फायदा हो रहा है। प्रदेश सरकारी की महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक मुख्यमंत्री निशुल्क दवाई योजना भी है। घर द्वार के समीप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर क्षेत्रीय अस्पतालों में आने मरीजों को मुफ्त की दवाइयों और सर्जिकल आइटम के माध्यम से स्वास्थ्य  सुविधाएं मुहैया करवा पा रही है। इससे जहां आम जनता पर आर्थिक बोझ भी नहीं पड़ रहा है। बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण दवाईयां उपल्ब्ध हो रही है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री निशुल्क दवाईय योजना के तहत  क्षेत्रीय अस्पताल, सिविल अस्पताल, सीएचसी में 482 तरह की दवाईयां मुफत वितरित की जाती है, जबकि 133 सर्जिकल आईटम भी मरीजों को मुफ्त में मुहैया करवाई जा रही है। वहीँ प्रदेश के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों 167 तरह की दवाइयां और 47 सर्जिकल वस्तुएं मुहैया करवाई जा रही है। इसी प्रकार, स्वास्थ्य उप केंद्रों में 91 दवाइयां और 28 सर्जिकल वस्तुएं मुफ्त मुहैया करवाई जा रही है।
इसी कड़ी में जिला शिमला के एक क्षेत्रीय अस्पताल, 10 सिविल अस्पताल, 18 सीएचसी, 115 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 242 स्वास्थ्य उप केंद्र में मुख्यमंत्री निशुल्क दवाई योजना का लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री निशुल्क दवाई योजना प्रदेश सरकार की उच्च गुणवत्ता व कम लागत की चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने की दिशा में ऐतिहासिक और संवेदनशील योजना है। राज्य की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सामान्य उपयोग में आने वाली आवश्यक दवाइयों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है। इससे आम वर्ग के दवा पर होने वाले खर्च में कटौती हो रही है और धन की कमी के चलते चिकित्सा सेवाओं से वंचित लोगों का इलाज संभव हो रहा है।
दवाइयां व इंजेक्शन आदि के साथ-साथ सामान्यतः उपयोग में आने वाले सर्जिकल आइटम्स जैसे निडल, डिस्पोजेबल सीरीज, आई.वी.ए. ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेट व टाकों हेतु सीजर्स आदि भी निःशुल्क उपलब्ध करवाये जा रहे हैं।

कई सर्जिकल वस्तुएं और दवाइयां मिलती हैं मुफ्त

सर्जिकल वस्तुओं में  डिस्पोजेबल सिरिंज, हाइपोडर्मिक सुइयां, डिस्पोजेबल इन्फ्यूजन सेट, रक्त आधान सेट, अंतःशिरा  प्रवेशनी, डिस्पोजेबल लैंसेट, डिस्पोजेबल सक्शन कैथेटर, बैंडेज, तौलिए, चिकित्सा दस्ताने, डिस्पोजेबल जूता कवर, प्रयोगशाला कोट, मेडिकल फेस मास्क, सर्जिकल ब्लेड, प्लास्टर आदि शामिल है। वहीं दवाईयों में एंटी एलर्जिक, एंटीडाॅटस, एंटी काॅन्वल्सेंटस, एंटी हेल्मीनिथिक्स, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, काॅन्ट्रासेप्टिक, ग्लूकोज, सोडियम क्लोराइड, रिंगर लेक्टेट, इन्सुलिन, एंटी रैबीज, टेटनस, आएनटीसीपी, एंटी मलेरियल, एंटी प्रोटोजोल, एंटी वायरल, माइग्रेन प्रोफाइलेक्सिस, एंटी थायराइड, साईकाथेरेपिक मेडिसिन, एंटीसेप्टिक आदि की कई दवाइयां शामिल है।
1 करोड़ 36 लाख रूपए की दवाईयां वितरित
इस वित्त वर्ष एक अप्रैल से 30 सिंतबर तक 1 करोड़ 36 लाख 235 रूपए की दवाईयां और सर्जिकल समान खरीद कर स्वास्थ्य संस्थानों में मुहैया करवाया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3 करोड़ 94 लाख 30 हजार 831 रूपये की लागत की दवाईयां और सर्जिकल वस्तुएं खरीदी गई थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 में आईपीडी में 1 लाख 10 हजार 62 मरीजों और ओपीडी में 15 लाख 78 हजार 238 मरीजों पंजीकृत हुए है। वहीं इस वित्त वर्ष में 30 जून तक 48 हजार 640 और ओपीडी में 7 लाख 57 हजार  373 मरीज पंजीकृत हुए है।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला में मुख्यमंत्री निशुल्क दवाई योजना के तहत आम जनता को काफी लाभ मिल रहा है। प्राथमिक उपचार में मुफत दवाईयों की सहायता से इलाज हो रहा है। जिला के स्वास्थ्य संस्थानों में इस योजना के तहत रोजाना सैंकड़ों मरीजों को लाभ दिया जा रहा है। इस वितीय वर्ष में 1 करोड़ 36 लाख 235 रूपए की दवाईयां और सर्जिकल समान खरीद कर स्वास्थ्य संस्थानों में मुहैया करवाया जा चुका है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 3 करोड़ 94 लाख 30 हजार 831 रूपये की लागत से दवाईयों और सर्जिकल वस्तुएं खरीदकर अस्पतालों, स्वास्थ्य केंद्रों में मुहैया करवाई गई थी। उन्होंने कहा कि जिला में स्वास्थ्य सेवाओं से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोगों को भरपूर लाभ मिल रहा है।

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