जिला दंडाधिकारी एवं उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहां मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना, मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष एवं जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन किया गया।
उपायुक्त ने कहा कि जिला के सभी बाल देखभाल संस्थान बच्चों को सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध करवायें ताकि इन बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि जिला में योजना के तहत शीत ऋतू के कपड़ों के लिए 5000 हजार रूपये प्रति बच्चे के हिसाब से 7 लाख 17 हजार रूपये प्रदान किये गए है। वही गुणवत्ता युक्त भोजन के लिए भी प्रति बच्चे को 1000 रुपये प्रदान किये जा रहे है। गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से योजना के तहत 08 बच्चों को शिमला के अच्छे स्कूलों में दाखिला दिया गया है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के व्यक्तिगत विकास के लिए सीसीआई द्वारा मासिक पिकनिक का भी आयोजन किया जाता है जिसमे बच्चों को दोपहर का भोजन भी उपलब्ध करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त जिला में बच्चों को समय-समय पर त्यौहार का भत्ता एवं अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है।
जिला उपायुक्त ने कहा कि राज्य स्तर के आधार पर जिला में भी मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष की स्थापना की गई है जिसमे कोई भी व्यक्ति अंशदान प्रदान कर सकता है।
अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला शिमला में मिशन वात्सल्य के अंतर्गत 13 बाल देखभाल संस्थान है जिसमे 403 रह रहे है। इन बच्चों को आसपास के स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है।इसके साथ-साथ प्रत्येक बच्चे का स्वास्थ्य कार्ड भी बनाया गया है। उन्होंने कहा कि आफ्टर केयर योजना के अंतर्गत 15 लड़कों एवं 21 लड़किओं को भी लाभान्वित किया गया है। जुलाई, 2024 से सितम्बर माह तक कुल 80 बच्चों एवं उनके माता पिता को परामर्श भी दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जिला के बाल संरक्षण संस्थाओं में सभी प्रकार की गुणात्मक सुविधाएं बच्चों को प्रदान की जा रही है ताकि इन बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके।
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग ममता पॉल एवं समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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