ऊना, 19 सितंबर. जिला प्रशासन ऊना ने जिला रेड क्रॉस सोसाइटी और भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम (एलिम्को) चंडीगढ़ के साथ मिलकर टाउन हॉल ऊना में एक दिवसीय दिव्यांगता मूल्यांकन शिविर का आयोजन किया। इस शिविर में 20 दिव्यांगजनों ने पंजीकरण करवाया, जिसमें से 9 पात्र व्यक्तियों को कृत्रिम अंग प्रदान करने के लिए चयनित किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सकों ने दिव्यांगजनों का मूल्यांकन कर उन्हें इस सहायता के लिए योग्य ठहराया। इन सहायक उपकरणों और कृत्रिम अंगों की सहायता से दिव्यांगजन एक बार फिर समाज में आत्मनिर्भरता और सम्मान के साथ जीवन जी सकेंगे।
शिविर में प्रदान किए जाने वाले उपकरणों में मोटर ट्राई-साइकिल, ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर, श्रवण यंत्र, छड़ी और कृत्रिम अंग शामिल हैं। इन उपकरणों के माध्यम से दिव्यांगजन अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों को सुगमता से कर सकेंगे और उनके जीवन में आसानी होगी।
जिले के प्रत्येक उपमंडल में लगेंगे शिविर
उपायुक्त जतिन लाल ने इस अवसर पर कहा कि हमारा लक्ष्य दिव्यांगजनों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना और उनकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। इस प्रकार के शिविर न केवल एक सुविधा है, बल्कि दिव्यांगजनों को उनका अधिकार दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इसी क्रम में जिला के अन्य क्षेत्रों में भी दिव्यांगता मूल्यांकन शिविरों का आयोजन किया जाएगा। हरोली में 5 नवंबर, बंगाणा में 6 नवंबर, अम्ब में 7 नवंबर, और गगरेट में 8 नवंबर को शिविर आयोजित होंगे, जिनमें और भी दिव्यांगजनों को इस सुविधा का लाभ दिया जाएगा। हरोली उपमंडल के तहत 5 नवम्बर को आरएच हरोली में दिव्यांगता मूल्यांकन शिविर लगेगा। 6 नवम्बर को बंगाणा के तहत उपमंडल बंगाणा कार्यालय में, 7 नवम्बर को अम्ब उपमंडल के तहत पंचायत समिति हॉल अम्ब और 8 नवम्बर को गगरेट के तहत उपमंडल कार्यालय गगरेट में दिव्यांगता मूल्यांकन शिविरों का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर सीपीओ संजय सांख्यान, तहसील कल्याण अधिकारी जितेंद्र कुमार और एलिम्को के विशेषज्ञ उपस्थित रहे।
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