हिमाचल प्रदेश इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसिन (HPIAPSM) ने 14-15 दिसंबर 2024 को अपना वार्षिक सम्मेलन HPIAPSMCON 2024 सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस वर्ष का मुख्य विषय था “कृत्रिम बुद्धिमत्ता के युग में सार्वजनिक स्वास्थ्य: अवसर और नैतिक चुनौतियाँ।” दो दिवसीय इस कार्यक्रम में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, संकाय सदस्यों और स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया और इस क्षेत्र में उभरते रुझानों और चुनौतियों पर चर्चा की।
सम्मेलन की शुरुआत
सम्मेलन की शुरुआत एक प्री–कॉन्फ्रेंस सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) सत्र से हुई, जिसका नेतृत्व डॉ. अक्षय मिन्हास और डॉ. मिताशा सिंह ने किया। उन्होंने सार्वजनिक स्वास्थ्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
उद्घाटन समारोह
परंपरागत दीप प्रज्ज्वलन के साथ उद्घाटन समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि और आयोजन अध्यक्ष डॉ. अशोक भारद्वाज (प्रोफेसर एमेरिटस, MMU सोलन और NTF चेयर, NTEP इंडिया) और विशिष्ट अतिथि एवं आयोजन सह–अध्यक्ष डॉ. अनमोल गुप्ता मुख्य रूप से उपस्थित रहे। इनके अलावा आयोजन सचिव डॉ. अक्षय मिन्हास, और अन्य गणमान्य संकाय सदस्य जैसे डॉ. अनुपम प्रशर (AIIMS बिलासपुर), डॉ. अभिलाष सूद (डॉ. RKGMC हमीरपुर), डॉ. गुरमीत सिंह (MMU सोलन) सहित अन्य प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
इस अवसर का मुख्य आकर्षण डॉ. एन.के. वैद्य व्याख्यान था, जो डॉ. गुरमीत सिंह को सामुदायिक चिकित्सा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया।
प्रतियोगिताएँ और चर्चाएँ
सम्मेलन के पहले दिन स्नातकोत्तर क्विज प्रतियोगिता का आयोजन डॉ. दुर्गेश, डॉ. एकता, डॉ. सौरव और डॉ. प्रियंका (SLBSGMC नेरचौक) द्वारा किया गया। इसमें AIIMS बिलासपुर की टीम ने पहला स्थान और IGMC शिमला की टीम ने दूसरा स्थान हासिल किया।
इसके अलावा फैमिली एडॉप्शन प्रोग्राम पर एक पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें डॉ. अनमोल गुप्ता (IGMC शिमला), डॉ. अनुपम प्रशर (AIIMS ऋषिकेश), और डॉ. विकास ठाकुर (Pt. JLNGMC चंबा) ने भाग लिया। चर्चा का संचालन डॉ. विजय के. बरवाल ने किया।
राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (NTEP) पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता डॉ. अशोक भारद्वाज ने की। पैनल में डॉ. आर.के. सूद (DTO कांगड़ा), डॉ. मिताशा (BR अंबेडकर मेडिकल कॉलेज, दिल्ली) और डॉ. विनीत लखनपाल (DTO शिमला) शामिल थे।
अनुसंधान प्रस्तुतियाँ और सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार
सम्मेलन में मौखिक शोध प्रस्तुतियाँ आयोजित की गईं, जिसमें प्रतिभागियों ने अपने सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े शोध प्रस्तुत किए। विषयों में PM-JAY आयुष्मान भारत योजना, डेंगू और डायरिया प्रकोप की जाँच, मधुमेह जागरूकता और पोषण शामिल थे। IGMC शिमला के डॉ. अर्चित शर्मा को उनके शोध “आयुष्मान मेलों से आयुष्मान आरोग्य शिविर: एक दिशात्मक बदलाव” के लिए सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
दूसरे दिन की मुख्य झलकियाँ
15 दिसंबर को सम्मेलन के दूसरे दिन की शुरुआत PGIMER चंडीगढ़ की सुश्री वैशाली सोनी के सत्र से हुई, जिसमें उन्होंने “फ्रंट ऑफ पैकेज लेबलिंग” पर चर्चा की। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ. अशोक भारद्वाज और डॉ. अनमोल गुप्ता ने की।
समापन समारोह और सम्मान
सम्मेलन के समापन समारोह में वर्ष 2024 के HPIAPSM गवर्निंग बॉडी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें 2023 से की गई गतिविधियों की समीक्षा की गई और आगामी HPIAPSMCON 2025 की रूपरेखा तय की गई, जो AIIMS बिलासपुर में आयोजित होगा। समापन समारोह में कई पुरस्कार प्रदान किए गए:
सर्वश्रेष्ठ जूनियर रेजिडेंट: डॉ. अर्शया शर्मा
सर्वश्रेष्ठ सीनियर रेजिडेंट: डॉ. घनश्याम वर्मा
सर्वश्रेष्ठ युवा संकाय पुरस्कार: डॉ. अमित सचदेवा
सर्वश्रेष्ठ वरिष्ठ संकाय पुरस्कार: डॉ. अनमोल गुप्ता
सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया कि सहायक, एसोसिएट और प्रोफेसर स्तर के संकाय सदस्यों के लिए अलग–अलग पुरस्कार प्रदान किए जाएँगे।
सम्मेलन की सफलता
आयोजन समिति, जिसमें डॉ. अक्षय मिन्हास, डॉ. अभिलाष सूद, डॉ. विजय बरवाल और अन्य समर्पित सदस्य शामिल थे, को इस सफल आयोजन के लिए सराहा गया। सम्मेलन ने सार्वजनिक स्वास्थ्य पेशेवरों के बीच सहयोग, ज्ञान–विनिमय और नवाचार को बढ़ावा दिया।
समापन समारोह में आयोजन अध्यक्ष, सह–अध्यक्ष और सचिव ने आयोजन समिति और सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इस सम्मेलन ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सार्वजनिक स्वास्थ्य के भविष्य में नैतिक नवाचार और सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया।
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