प्रदेश सरकार के प्रोत्साहन से जरूरतमंद युवाओं को उच्चतर शिक्षा के लिए खुली नई राहें

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·         दिव्यांग छात्रों को स्कूली शिक्षा से लेकर व्यावसायिक कोर्स के लिए प्रदान की जा रही छात्रवृत्ति

प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाएं युवाओं का भविष्य संवारने की दिशा में कारगर सिद्ध हो रही हैं। विशेष तौर पर दिव्यांग व जरूरतमंद वर्गों के बच्चों के लिए इन योजनाओं के माध्यम से उच्चतर व व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने की दिशा में नई राहें खुली हैं।

दिव्यांग छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत बोर्ड व विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त निजी व सरकारी शैक्षणिक संस्थानों से नियमित शिक्षा ग्रहण कर रहे 40 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांगता वाले छात्रों को बिना किसी आय सीमा के मासिक दरों पर छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। इसके तहत पहली से पांचवीं कक्षा तक दिवस छात्रों को 625 रुपए तथा छात्रावास में रहने वालों को 1875 रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं। छठी से आठवीं कक्षा तक क्रमशः 750 रुपए व 1875 रुपए, नवीं व दसवीं कक्षा में क्रमशः 950 रुपए व 1875 रुपए, जमा एक व जमा दो कक्षा के लिए दिवस छात्रों को 1250 रुपए प्रतिमाह व छात्रावास वाले छात्रों को 2500 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।

योजना के तहत जमा दो कक्षा के बाद डिप्लोमा कोर्स तथा कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय में स्नातक के लिए पात्र दिव्यांग छात्रों को 1875 रुपए (दिवस) व 3750 रुपए (छात्रावास) की छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है। एलएलबी, बीएड, एमए, एमएससी, एमएड, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स के लिए क्रमशः 2250 रुपए और 3750 रुपए तथा बी.ई., बी.टेक.,एमबीबीएस कोर्स के लिए दिव्यांग (दिवस) छात्रों को 3750 रुपए तथा छात्रावास में रहने वालों को 5000 रुपए मासिक प्रदान किए जा रहे हैं।

मंडी जिला के लिए इस योजना के अंतर्गत चालू वित्त वर्ष में 21 लाख 35 हजार रुपए का बजट प्राप्त हुआ है। इसमें से योजना के तहत अभी तक 111 पात्र दिव्यांग छात्र-छात्राओं को 11,29,145 रुपए की राशि प्रदान की जा चुकी है।

इसके अतिरिक्त कम्प्यूटर एप्लीकेशन व समवर्गीय क्रिया-कलापों में प्रशिक्षण एवं दक्षता योजना के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, विधवा अथवा परित्यक्ता महिलाएं एवं दिव्यांगजन को शामिल किया गया है। इन वर्गों से संबंधित 18 से 35 वर्ष आयु तक के अभ्यर्थी योजना का लाभ उठा सकते हैं। अभ्यर्थी बी.पी.एल. परिवार से संबंधित होना चाहिए अथवा उनके परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपए से कम होनी चाहिए। ऐसे सभी पात्र लाभार्थियों को एक वर्षीय डी.सी.ए. व पी.जी.डी.सी.ए. का कोर्स निःशुल्क करवाने का प्रावधान योजना में किया गया है।

यह कोर्स चुनिंदा संस्थानों के माध्यम से करवाया जाता है। कोर्स के लिए संस्थान को 1200 रुपए की मासिक दर से प्रशिक्षण फीस सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा वहन की जाती है। प्रशिक्षणार्थियों को एक हजार रुपए व दिव्यांग छात्रों को 1200 रुपए की दर से मासिक कौशल भत्ता भी रोजगार कार्यालय के माध्यम से प्रदान किया जाता है।

कोर्स उत्तीर्ण करने के उपरांत लाभार्थियों को छह माह तक सरकारी अथवा गैर-सरकारी संस्थाओं में प्लेसमेंट के तहत कार्य अनुभव का अवसर प्रदान किया जाता है। इस दौरान उन्हें 1500 रुपए प्रतिमाह और दिव्यांग प्रशिक्षणार्थी को 1800 रुपए की दर से मासिक छात्रवृत्ति वजीफे के रूप में प्रदान की जाती है। वर्ष 2023-24 में 365 लाभार्थियों का चयन कर उन्हें प्रशिक्षण व छह माह का कार्य अनुभव प्रदान किया गया।

उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि सामाजिक कल्याण के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जा रहा है। मंडी जिला में इन योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन के लिए समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं।

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