मंडी, 9 जनवरी। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने बताया कि मंडी जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के तहत अनाथ छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने और प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में सफलता सुनिश्चित करने हेतु प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थानों का पैनल बनाया जा रहा है। इन संस्थानों में अनाथ बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं यूपीएससी, हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग परीक्षा, जेईई, नीट, सीयूइटी की कोचिंग दी जाएगी। इसके अतिरिक्त इन संस्थानों में आवश्यकता अनुसार कोचिंग के साथ परामर्श, मार्गदर्शन और भावनात्मक सहायता भी अनाथ बच्चों को दी जाएगी।
उपायुक्त ने बताया कि पैनल में वहीं कोचिंग संस्थान शामिल होंगे जिन्हें कम से कम 3 वर्षों का संचालन अनुभव होगा और यह हिमाचल प्रदेश राज्य में पंजीकृत हो। संस्थान का पिछले तीन वर्षों में प्रतियोगी परीक्षाओं या शैक्षणिक परिणामों में संस्थान का न्यूनतम 40 प्रतिशत सफलता अनुपात हो। संस्थान के पास सुव्यवस्थित कक्षाएं, अध्ययन सामग्री और डिजिटल लर्निंग उपकरण हो। संस्थान में कम से कम 50 प्रतिशत शिक्षक पांच वर्षों के न्यूनतम शिक्षण अनुभव के साथ योग्य और अनुभवी होने चाहिए।
उन्होंने बताया कि पैनल में शामिल होने वाले इच्छुक संस्थान इसके लिए आवेदन 30 जनवरी 2025 तक जिला कार्यक्रम कार्यालय, मंडी में जमा करवा जा सकते हैं।उन्होंने बताया कि संस्थानों को पैनल में शामिल करने के लिए समिति द्वारा आवेदन का मूल्यांकन किया जाएगा। शॉर्टलिस्ट किए गए संस्थानों का आन-साइट निरीक्षण किया जाएगा।अंतिम चयन प्रतिष्ठा, सफलता दर, बुनियादी ढांचे और छात्रों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता के आधार पर किया जाएगा।पैनल की अवधि तीन वर्ष के लिए होगी, जिसमें वार्षिक समीक्षा की जाएगी।
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