केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज एम्स, नई दिल्ली में राष्ट्रीय रक्तदान दिवस 2022 को संबोधित करते हुए कहा, “रक्तदान अमृत महोत्सव की सफलता ने मानवता के नेक काम को मजबूत किया है जो कई कीमती जिंदगियों को बचाने में बहुत मदद करेगा। रक्तदान एक नेक कार्य है और हमारी समृद्ध संस्कृति और सेवा एवं सहयोग की परंपरा को देखते हुए, राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर, आइए हम सभी किसी और के लिए हमेशा रहने और नियमित रूप से रक्तदान करने का संकल्प लें।” इस अवसर पर डीजीएचएस डॉ. अतुल गोयल और एम्स के निदेशक डॉ एम श्रीनिवास भी उपस्थित थे।
रक्तदान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रक्तदान सेवा है। और, एक दूसरे की मदद करना हमारी जिम्मेदारी है। भारत की कोविड महामारी प्रतिक्रिया लोक भगीदारी की समृद्ध परंपरा से प्रेरित रही और इसने महामारी का प्रबंधन करने का रास्ता दिखाया और इसके परिणामस्वरूप दुनिया का सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण अभियान चलाया गया। रक्तदान अमृत महोत्सव का उद्देश्य रक्तदान, रक्त वितरण और रक्त प्रबंधन करना था। इसने नियमित रूप से गैर-पारिश्रमिक वाले स्वैच्छिक रक्तदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद की है और यह सुनिश्चित किया है कि रक्त या इसके घटक (संपूर्ण रक्त/पैक लाल रक्त कोशिकाएं/प्लाज्मा/प्लेटलेट्स) उपलब्ध, सुलभ, सस्ती और सुरक्षित रहे। रक्तदान अमृत महोत्सव की सफलता ने मानवता के नेक काम को मजबूत किया है जो कई कीमती जिंदगियों को बचाने में काफी मदद करेगा। रक्तदान अमृत महोत्सव के तहत ढाई लाख से अधिक लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान किया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने स्वैच्छिक रक्तदाताओं और अनुकरणीय कार्य करने वाले राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों, दुर्लभ रक्त समूह दाताओं, नियमित एकल दाता प्लेटलेट्स (एसडीपी) दाताओं, महिला रक्त दाताओं, नियमित स्वैच्छिक रक्त दाताओं को भी सम्मानित किया।
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