शिमला, 1 अप्रैल 2025 – उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक भुवनेश्वर गौड़ और अजय सोलंकी ने आज शिमला में एक प्रेस वार्ता के दौरान घोषणा की कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को एक प्रतिष्ठित पत्रिका द्वारा भारत के सबसे प्रभावशाली 100 व्यक्तियों की सूची में शामिल किया गया है। यह उपलब्धि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।
कल्याणकारी योजनाओं का प्रभाव
नेताओं ने बताया कि मुख्यमंत्री को यह मान्यता उनकी विभिन्न लोक-कल्याणकारी नीतियों और समाज के संवेदनशील वर्गों के लिए उठाए गए प्रभावी कदमों के कारण मिली है। उन्होंने अनाथ बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों के कल्याण के लिए ‘मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना’ और ‘सुख-आश्रय कोष’ जैसी योजनाएं शुरू कीं। इन योजनाओं के तहत अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया गया, जिससे उन्हें निःशुल्क शिक्षा, आवास, जेब खर्च और विदेश भ्रमण जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने महिलाओं के लिए ‘इंदिरा गांधी महिला सुख सम्मान निधि योजना’ शुरू की, जिसके तहत पात्र महिलाओं को 1500 रुपये मासिक प्रदान किए जा रहे हैं। ‘इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना’ के तहत विधवा महिलाओं के बच्चों की शिक्षा का पूरा खर्च सरकार वहन कर रही है। मुख्यमंत्री ने बेटियों को बेटों के बराबर हक दिलाने के लिए भूमि कानूनों में बदलाव किए और पुलिस भर्ती में महिलाओं के लिए 30% आरक्षण सुनिश्चित किया।
हरित ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की ओर प्रदेश
प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश को वर्ष 2026 तक हरित ऊर्जा राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में छह ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किए गए हैं, चंबा में प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी स्टेशन बनाया जा रहा है, और सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बड़े पैमाने पर बढ़ावा दिया जा रहा है। हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (HRTC) की डीजल बसों को इलेक्ट्रिक बसों में बदला जा रहा है। मुख्यमंत्री ने 2027 तक प्रदेश को आत्मनिर्भर और 2032 तक सबसे समृद्ध राज्य बनाने का लक्ष्य रखा है।
नशा निवारण के लिए कड़े कानून
प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए कई विधेयक पारित किए हैं। ‘हिमाचल प्रदेश संगठित अपराध (निवारण एवं नियंत्रण) विधेयक’ के तहत चिट्टा तस्करी और नकली शराब से मौत होने पर दोषियों को फांसी या उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, ‘हिमाचल प्रदेश मादक पदार्थ एवं नियंत्रित पदार्थ (निवारण, नशा मुक्ति और पुनर्वास) विधेयक-2025’ पारित किया गया है, जिसमें दोषियों के लिए 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए विशेष प्रावधान किया गया है कि यदि वे नशीले पदार्थों के साथ पकड़े जाते हैं, तो उन्हें तय सजा से डेढ़ गुणा अधिक सजा दी जाएगी।
प्रदेश के लिए गर्व का क्षण
उप-मुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया, विधायक भुवनेश्वर गौड़ और अजय सोलंकी ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की इन उपलब्धियों और दूरदर्शी नीतियों के कारण उन्हें भारत के सबसे प्रभावशाली 100 व्यक्तियों की सूची में स्थान दिया गया है। यह न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
प्रदेश सरकार अपनी कल्याणकारी योजनाओं और नीतियों के माध्यम से समाज के हर वर्ग का उत्थान सुनिश्चित कर रही है, जिससे हिमाचल प्रदेश को एक विकसित और आत्मनिर्भर राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है।