आज से चिकित्स्कों ने 2 घंटे की स्ट्राइक शुरू कर दी है। उनकी मांगे जो कुछ समय से पूरी नहीं हुई हैं और वह लगातार सरकार से अपनी मांगों को ले के अवगत करवा रहे हैं। उनकी कुछ मांगो जो की इस तरह से हैं :
नंबर 1 हिमाचल स्वास्थ्य निदेशक की सेवानिवृति के बाद स्वास्थ्य निदेशक के पद को अब तक नहीं भरा गया है। स्वास्थ्य निदेशक के पद को संयुक्त निदेशकों में से किसी एक को पदोन्नत करके शीघ्र भरा जाए।
नंबर 2 हिमाचल प्रदेश शिक्षक संघ में से ही किसी भी चिकित्सक की सेवा विस्तार के विरोध में रहा है। प्रदेश में पहले से ही अधिकतर बेरोजगार युवा चिकित्सक मौजूद हैं और किसी भी चिकित्सक को सेवा विस्तार देना युवा चिकत्सकों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। जिन अधिकारियों की सेवा विस्तार दिया गया उन्हें शीघ्र ही समापत् किया जाए और युवाओं को रोजगार तुरंत दिया जाए|
नंबर 3 अनुबंध पर चयनित शिक्षकों को ग्रेड पे का 150% मानदेय कुछ चिकत्सकों को नहीं दिया गया है ,उसे जल्दी से जल्द एरियर के साथ बहाल किया जाए।
नंबर 4 नए वेतन आयोग में चिकत्सकों को 4-9-14 का टाइम स्केल रोक दिया गया है अतः इसे भी शीघ्र बहाल किया जाए। साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की स्नातकोत्तर भते की देए राशि कई बरसों से नहीं बढ़ाई गई है इसमें भी शीघ्र वृद्धि की जाए। मेडिकल कॉलेज में सेवाएं दे रहे फैकल्टी मेंबर्स को भी एकेडमी ऐलोअन्स अभी तक नहीं दिया गया है , इसको भी शीघ्र दियाजाए।
डॉक्टर्स का कहना कि अगर समय पे निदान हो जाए तो ऐसी नौबत नहीं आती। हमे लोगों का फ़िक्र है और आपातकालीन सेवाएं प्रदान कर रहे है।आज ओ पी डी के बहार लंबी कतारें देखने को मिली और लोगों को परेशानियों से गुजरना पड़ा।
लोगों का कहना है की सरकार को जल्द से जल्द इनकी समस्यों को हल करना चाहिए क्योंकि मौसम बदलने से जायदा लोग बीमार हो रहे हैं और हॉस्पिटल आ रहे हैं ऊपर से नंबर समय पे नहीं आने के कारण घर बापिस जाने मैं भी मुश्किल होती है। शिमला मैं कुछ रोगियों का कहना है कि अब लेट ओ पी डी शुरू होने से सरकारी हॉस्पिटल की लैब मैं टेस्ट भी नहीं होगा। अभी आगे क्या स्तिथि रहती है वह देखने वाली बात होगी। मुख्यमंत्री आज ऊना और मंडी के दौरे पर हैं और क्या वह चिक्तिस्कों से मिलते हैं नहीं यह अभी तक क्लियर नहीं है।
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