संयुक्त राष्ट्र में चर्चा यूक्रेन की और पाकिस्तान अलापा रहा कश्मीर राग, सीका की बैठक में भी लेखी ने दी नसीहत।पूरी दुनिया यूक्रेन-रूस के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंतित है और संयुक्त राष्ट्र में तकरीबन रोजाना ही इस पर बहस और मतदान हो रहा है। लेकिन पाकिस्तान को इस तनाव भरे माहौल में भी कश्मीर अलाप ही सूझ रहा है।बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के भौगोलिक हिस्से को रूस में मिलाने के विरुद्ध एक मतदान के दौरान भी पाकिस्तान के प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कश्मीर का मुद्दा उठा दिया। हालांकि भारतीय प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इस पर पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई और कहा कि पाकिस्तान की इस तरह की मानसिकता तरस के काबिल है।
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कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा
रुचिरा कंबोज ने पाकिस्तान को यह भी याद दिला दिया कि पूरा जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और आगे भी रहेगा। पाकिस्तान का यही रवैया गुरुवार को कान्फ्रेंस आन इंटरएक्शन एंड कंफिडेंस बिल्डिंग मेजर्स इन एशिया (सीका) में भी दिखाई दिया। वहां भी पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर का मुद्दा उठाया गया जिसका विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने करारा जवाब दिया।
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पाकिस्तान ने उठाया अल्पसंख्यकों का मुद्दा
कजाखस्तान में हो रहे इस सम्मलेन में पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने कश्मीर के साथ ही भारत में अल्पसंख्यकों की स्थिति का मुद्दा भी उठाया। जवाब में विदेश राज्यमंत्री लेखी ने कहा कि भारत सरकार संविधान के तहत अपने यहां रहने वाले हर तरह के अल्पसंख्यकों की भलाई के लिए काम कर रही है। पाकिस्तान को मेरा सुझाव होगा कि वह अपने घर के हालात पर ज्यादा नजर रखे। दुनिया को सीख नहीं दे। पाकिस्तान में ही धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों को सरकार की तरफ से खत्म किया जा रहा है। वहां अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों पर लगातार हमले हो रहे हैं। वहां अल्पसंख्यकों की स्थिति का पता इस बात से चलता है कि अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों को लगातार अगवा किया जा रहा है।
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भारत ने कहा, पाक ने उठाया यूएन के मंच का गलत फायदा
बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन की स्थिति पर बहस के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि अकरम ने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘आत्मनिर्णय का अधिकार वहां के नागरिकों को मिलता है जो दूसरे देश के अधीन हो, जैसे कि जम्मू व कश्मीर के लोग हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र की तरफ से दिए गए आत्मनिर्णय के अधिकार का अभी तक इस्तेमाल नहीं किया है। आत्मनिर्णय का अधिकार का उपयोग पूरी तरह से भयमुक्त माहौल में होना चाहिए और सैन्य नियंत्रण में नहीं होना चाहिए।’ इसका जवाब भारत की स्थायी प्रतिनिधि कंबोज ने जोरदार तरीके से दिया। कंबोज ने कहा, यह आश्चर्य की बात है कि एक देश ने इस मंच का गलत फायदा उठाया है और मेरे देश पर बेकार के आरोप लगाए हैं। इस तरह के आरोपों की हमें सामूहिक तौर पर निंदा करनी चाहिए। गलतबयानी के आधार पर बनाई गई इस तरह की मानसिकता पर तरस आता है। आगे उन्होंने पाकिस्तान को सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह खत्म करने का आग्रह किया ताकि भारतवासी सही तरीके से जीवनयापन कर सकें।
रूस के विरुद्ध प्रस्ताव पर अनुपस्थित रहा भारत, पक्ष में पड़े 143 वोट
संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के एक बड़े हिस्से को रूस में मिलाने के विरुद्ध लाए गए प्रस्ताव पर मतदान के दौरान भारत और पाकिस्तान दोनों ही अनुपस्थित रहे। रूस ने यूक्रेन के इस हिस्से में आत्मनिर्णय करवाकर उसे अपना भूभाग घोषित कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्यों में से 143 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया जबकि भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका समेत 35 देश अनुपस्थित रहे। भारत ने एक बार फिर रूस और यूक्रेन से युद्ध व ¨हसा छोड़कर शीघ्रता से वार्ता और कूटनीति की राह पर लौटने का आग्रह किया है।
http://dhunt.in/DnvRj?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “जागरण”
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