मंडी, 21 जुलाई । अतिरिक्त उपायुक्त निवेदिता नेगी ने मंडी जिला वासियों से जिले में क्षय रोग (टीबी) के खिलाफ सामूहिक आंदोलन खड़ा करने का आह्वान किया है। उन्होंने टीबी मुक्त हिमाचल बनाने में बहुक्षेत्रीय सहभागिता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि जिले में टीबी रोगियों की पहचान के लिए अगस्त माह में विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें पंचायतों में जन जागरूकता के साथ साथ घर-घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान की जाएगी।
अतिरिक्त उपायुक्त राष्ट्रीय क्षयरोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत क्षय रोग मुक्त हिमाचल अभियान के सफल कार्यान्वयन के उद्देश्य से सीएसओ सभागार में आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। बैठक में क्षय रोग उन्मूलन को लेकर किए जा रहे प्रयासों और रोगियों की सुविधा के लिए चलाई जा रही योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
निवेदिता नेगी ने कहा कि साल 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने के संकल्प के साथ काम किया जा रहा है। मंडी जिला इसमंे अग्रणी भूमिका निभाने को तत्पर है। उन्होंने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी से मजबूत टीम भावना के साथ काम करने का आह्वान किया।
जिले में हैं 43 सक्रिय टीबी डायग्नोस्टिक केंद्र
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि जिले में टीबी के लिए नैदानिक क्षमता में काफी वृद्धि के साथ डायग्नोस्टिक सुविधा की मजबूती पर बल दिया गया है। जिले में 43 सक्रिय टीबी डायग्नोस्टिक केंद्र हैं।
पंचायतों में जन जागरूकता पर दें बल
उन्होंने जिले में ग्राम पंचायतों में टीबी रोग को लेकर जन जागरूकता पर बल देने को कहा। ग्राम सभा की बैठकों में लोगों को रोग से बचाव और उपचार की जानकारी देने, उन्हें शिक्षित करने के लिए समर्पित प्रयास करने पर जोर दिया।
क्षय रोगियों को आर्थिक मदद दे रही सरकार
निवेदिता नेगी ने बताया कि क्षय रोगियों को प्रदेश सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री क्षय रोग निवारण योजना के अंतर्गत 1500 रुपए की राशि दी जा रही है। वहीं निक्षय योजना के तहत भारत सरकार की ओर से 500 रुपये प्रतिमाह प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मरीज को इलाज जारी रहने तक यह राशि प्रदान की जाती है।
इसके अतिरिक्त यदि मरीज एक सहयोगी को लेकर अस्पताल तक दवा लेने आता है तो मरीज और उसके सहयोगी का आने-जाने का किराया भी सरकार द्वारा दिया जाएगा। साथ ही टीबी मरीज के किसी भी प्रकार के टेस्ट बिल्कुल मुफ्त में किए जाएंगे।
टीबी मुक्त मंडी बनाने के लिए निरंतर काम कर रहा स्वास्थ्य विभाग – मुख्य चिकित्सा अधिकारी
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेन्द्र भारद्वाज ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग टीबी मुक्त हिमाचल अभियान के तहत मंडी जिले से पूर्णतः टीबी उन्मूलन के लिए निरंतर काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2015 में प्रति लाख आबादी में टीबी के 217 केस पाए जाते थे, जिन्हें 2025 तक 43 से नीचे लाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने खंड चिकित्सा अधिकारियों को अपने क्षेत्र में सबका सहयोग लेकर टीबी उन्मूलन को लेकर जन जागरूकता बढ़ाने को कहा।
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर ने बरसात के मौसम को देखते हुए मुख्य जल जनित रोगों व सामान्य वेक्टर जनित रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, स्क्रब टाइफस, जापानी बुखार आदि के लक्षणों तथा इनसे बचाव के बारे जानकारी दी। उन्होंने इन रोगों की रोकथाम को लेकर विभाग द्वारा उठाए एहतियाती कदमों के बारे भी अवगत कराया।
बैठक में जिला परिषद मंडी के अध्यक्ष पाल वर्मा, जोनल अस्पताल मंडी के एमएस डॉ. धर्म सिंह वर्मा, क्षय रोग कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अरिंदम रॉय, डॉ. अनुराधा, सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे ।
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