मंडी, 27 जुलाई। हिमाचल के सुंदरनगर में स्थित कृषक प्रशिक्षण केंद्र प्रदेश के किसानों के जीवन में सफलता के स्वर्णिम बीज बो रहा है। इस प्रशिक्षण केंद्र में छोटी अवधि के विभिन्न ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरिए प्रदेशभर के किसानों को नये समय में आधुनिक तरीके से खेती के लिए तैयार किया जाता है।
जिलाधीश मंडी अरिंदम चौधरी का कहना है कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का हिमाचल के किसानों को कौशल संवर्धन से सशक्त बनाने पर विशेष ध्यान है। मुख्यमंत्री का फोकस है कि छोटे और सीमांत किसानों के लिए खेती बाड़ी आर्थिक रूप से अधिक संभावनाओं से संपन्न बने। इस दृष्टि से कृषक प्रशिक्षण केंद्र को और सुदृढ़ करने तथा उभरते कृषि क्षेत्रों में विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल डिजाइन करने का काम किया गया है।
व्यावहारिक प्रशिक्षण से उज्ज्वल भविष्य की नींव
डीसी का कहना है कि मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार व्यावहारिक प्रशिक्षण से किसानों के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव रखने का काम कर रहा यह केंद्र अपने महत्वपूर्ण योगदान से किसानों का सच्चा साथी बन गया है। हिमाचल के किसान यहां आधुनिक तरीके से खेती के नए गुर सीखने और कौशल संवर्धन से सशक्त बनकर खेती को नए आयाम दे रहे हैं।
हिमाचल के किसानों की प्रशिक्षण जरूरतें हो रहीं पूरी
कृषक प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर की प्रधानाचार्य डॉ. प्राची बताती हैं कि वर्तमान में प्रशिक्षण केंद्र संपूर्ण हिमाचल के किसानों और कृषि विभाग की प्रशिक्षण जरूरतों को पूरा कर रहा है।
डॉ. प्राची बताती हैं कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश राज्य आजीविका मिशन द्वारा प्रायोजित मिलेटस के उत्पादन व विपणन पर कार्यक्रम चल रहा है। इसके अलावा यह केंद्र कृषि विस्तार डिप्लोमा फॉर इनपुट डीलर्स (डीएईएसआई) के आयोजन के लिए नोडल प्रशिक्षण संस्थान के रूप में भी कार्य कर रहा है।
खेती-किसानी में दक्षता लाना है उद्देश्य
डॉ. प्राची का कहना है कि कि प्रशिक्षण केंद्र का उद्देश्य सरकार की कृषि योजनाओं को किसानों तक पहुंचाना, खेती-किसानी के कार्य में दक्षता लाना, आधुनिकतम कृषि तकनीकों को किसानों तक पहुंचाना तथा समग्र रूप से व्यक्तियों और विभाग के बेहतर प्रदर्शन के लिए आवश्यक पेशेवर ज्ञान और कौशल को अद्यतन करना और बढ़ाना है। साथ ही प्रत्येक प्रशिक्षु में सही मनोवृत्ति अभिविन्यास लाना भी प्रशिक्षण केंद्र का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।
कृषि विभाग के कर्मी भी हो रहे अपडेट
कृषि विभाग मंडी के उपनिदेशक राजेश डोगरा बताते हैं कि यह केंद्र किसानों के साथ साथ कृषि विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को भी पूरा करता है।
साथ ही प्रशिक्षण केंद्र द्वारा कृषि विकास योजनाओं का कार्यान्वयन, किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियों के प्रदर्शन, किसानों की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन करके कृषि उत्पादन, जैविक नियंत्रण के माध्यम से कृषि फसल सुरक्षा के लिए एकीकृत कीट प्रबंधन (आईपीएम) को बढ़ावा देने का कार्य किया जाता है।
यूं हुई थी शुरुआत
कृषक प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर, कृषि विभाग के जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं को बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए व्यावसायिक कृषि विद्यालय के रूप में वर्ष 1961-62 में अस्तित्व में आया था। बाद में किसानों को नवीनतम कृषि प्रौद्योगिकी के बारे में शिक्षित करने के उद्देश्य से वर्ष 1971-72 में इसे कृषक प्रशिक्षण केंद्र के रूप में चलाया गया।
ये है इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा
कृषक प्रशिक्षण केंद्र में एक सामुदायिक केंद्र और प्रशिक्षण हॉल है, जिसमें प्रशिक्षण के लिए आधुनिक ऑडियो विजुअल सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। केंद्र में दो किसान छात्रावास हैं, जिनमें प्रशिक्षुओं को मुफ्त भोजन और आवास की सुविधा प्रदान की जाती है।
प्रशिक्षण गतिविधियां के विविध आयाम
कृषक प्रशिक्षण केंद्र में किसानों के प्रशिक्षण के साथ साथ प्रबंधकीय प्रशिक्षण में टीम का निर्माण, तनाव प्रबंधन, कृषि विस्तार प्रबंधन आदि प्रशिक्षण भी दिए जाते हैं। इसके अलावा लिपिक वर्ग के लिए कार्यालय प्रबंधन, रिकॉर्ड रखना, सेवा नियमावली का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। चतुर्थ श्रेणी के श्रमिकों जैसे चौकीदार व बेलदार के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाता है। सरकार की योजनाओं के लिए कृषि विभाग के आतमा, डीआरडीए या जायका द्वारा प्रायोजित आवश्यकता आधारित कार्यक्रमों के प्रशिक्षण दिए जाते हैं।
वहीं, तकनीकी वर्ग के कृषि प्रसार अधिकारियों को आधुनिकतम तकनीकों की जानकारी दी जाती है। सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मिलेट्स का उत्पादन एवं उसका विपणन, जलवायु लचीली कृषि, प्राकृतिक खेती इत्यादि के क्षेत्र में भी प्रशिक्षण दिया जाता है।
खेती के प्रशिक्षण से क्रांतिकारी परिवर्तन
कृषक प्रशिक्षण केंद्र सुंदरनगर से ट्रेनिंग लेकर हजारों की संख्या में प्रदेश के किसान खेती से जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने में कामयाब रहे हैं। वे सभी एक स्वर में हिमाचल सरकार का धन्यवाद करते हुए कहते हैं कि सुंदरनगर कृषक प्रशिक्षण केंद्र अपनी खेती के तरीकों को बढ़ाने के लिए मार्गदर्शन चाहने वाले किसानों के लिए आशा की किरण बन गया है।
ऐसे हजारों लाभार्थियों में से एक बिलासपुर जिले की लाभार्थी प्रशिक्षु सुनीता गौतम बताती हैं कि उन्होंने यहां मोटे अनाज की ट्रेनिंग लेकर बड़े पैमाने पर काम आरंभ किया है। प्रशिक्षण में उन्हें हरेक सैद्धांतिक पहलू को प्रैक्टिकल रूप से भी बताया गया, जो उन्हें बहुत काम आया। एक अन्य लाभार्थी प्रशिक्षु अनीता कहती हैं कि यहां किसानों को आधुनिक कृषि की राह पर चलने में सहायता मिल रही है और उनके विकास में भागीदारी सुनिश्चित हो रही है।
Read Time:8 Minute, 51 Second
Average Rating