मंडी, 5 सितंबर । मंडी जिले में बरसात में विभिन्न क्षेत्रों में भूस्खलन और भूधंसाव की घटनाओं को देखते हुए कराए जा रहे भूगर्भीय सर्वेक्षण के दूसरे दिन केंद्रीय दल ने सरकाघाट उपमंडल में प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के इस दो सदस्यीय दल ने अपने सरकाघाट प्रवास में स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर सरकाघाट उपमंडल के जुकैण तथा टटीह तथा आसपास के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। यह दल भूस्खलन-भूधंसाव के कारणों का पता लगाने के लिए भूभौतिकीय कारकों का अध्ययन कर रहा है।
सरकाघाट क्षेत्र के उपरांत दल बुधवार और गुरुवार को धर्मपुर क्षेत्र के रिउर तथा अन्य क्षेत्रों में सर्वेक्षण करेगा। शुक्रवार को दल की डीसी मंडी के साथ बैठक होगी। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के दल में विज्ञानी श्रेयसी महापात्रा और वांग्शीतुला ओझुकम शामिल हैं। संयुक्त सर्वेक्षण के दौरान स्थानीय प्रशासन के अलावा विद्युत बोर्ड, लोक निर्माण और जल शक्ति विभाग के अधिकारी साथ रहे।
उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रदेश में भूस्खलन और भू धंसाव की अत्यधिक घटनाओं को देखते हुए भूगर्भीय सर्वे करवा के इसके कारणों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। इसी संदर्भ में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की टीम, आईआईटी मंडी के प्राध्यापकों के साथ मिलकर जिला मंडी में पूरी गहनता से सर्वेक्षण कर रही है। रिपोर्ट के अनुरूप वर्तमान में इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाने के साथ ही भविष्य में ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार करने का काम किया जाएगा।
गौरतलब है कि मंडी जिले में अगस्त महीने में भारी बारिश के कारण अनेक जगहों पर भूस्खलन और भूधंसाव की घटनाएं हुई हैं। इस दौरान सरकाघाट और धर्मपुर क्षेत्र भी बहुत प्रभावित हुआ है। इसे देखते हुए त्वरित समाधान के साथ साथ दीर्घकालिक उपायों को लेकर कार्य योजना बनाने के लिए प्रदेश सरकार व्यापक भूगर्भीय सर्वेक्षण करवा रही है।
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