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किसान गेहूं की फसल का 15 दिसम्बर तक करवाएं बीमा – उपनिदेशक
ऊना, 5 दिसम्बर – एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी द्वारा संचालित प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत जिले के 2 ब्लॉक ऊना व हरोली के आलू उत्पादकों की फसल का बीमा 31 दिसम्बर तक किया जाएगा। इस संबंध में जानकारी देते हुए कृषि उपनिदेशक डॉ कुलभूषण धीमान ने बताया कि किसान द्वारा आलू की फसल की देय प्रीमियम राशि 250 रूपये प्रति कनाल है एवं बीमित राशि रु 5000/- प्रति कनाल है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी किसान अपनी आलू की फसल का बीमा करवाना चाहते हैं वे अपने नजदीकी लोक मित्र केंद्र में आवश्यक दस्तावेजों जैसे कि आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमीनी फर्द एवं फसल बुआई प्रमाण पत्र अनिवार्य रहेंगे। इसके अतिरिक्त ठेके पर जमीन लेकर आलू की खेती करने वालें किसानों को हलफनामा बनवाकर लगाना अनिवार्य रहेगा।
डॉ कुलभूषण धीमान ने बताया कि पिछले वर्ष भी खरीफ की फसल के लिए जिला के किसानों को कंपनी द्वारा अच्छा क्लेम प्रदान किया गया जोकि सीधा किसानों के खातों में डाल दिया गया। उन्होंन बताया कि यह राशि किसान द्वारा देय् प्रीमियम से लगभग 5 गुणा ज्यादा दी गई है। उन्होंने बताया कि जिले भर के 436 आलू उत्पादको के 34.30 लाख रूपये प्रीमियम के बदले उन्हे 1.60 करोड़ रूपये की बीमा राशि प्रदान की गई थी।
अधिक जानकारी के लिए कंपनी के जिला समन्वयक कैप्टन मोहन कुमार मोबाइल नंबर 73886-68654 एवं ब्लॉक समन्वयक अंकित कुमार मोबाइल नंबर 82191-10528 पर संपर्क कर सकते हैं। कृषि उपनिदेशक डॉ कुलभूषण धीमान ने किसानों से आग्रह किया कि सभी आलू उत्पादक किसान 31 दिसम्बर तक अपनी फसल का बीमा करवाना सुनिश्चित करें ताकि मौसम की विपरीत परिस्थितियों के कारण होने वाले नुकसान से बचा जा सके।
बीमा के लिए प्रति कनाल 36 रूपये का भुगतान करेंगे किसान
इसके अतिरिक्त डॉ कुलभूषण धीमान ने बताया कि जिला के किसान 15 दिसम्बर तक अपनी गेहूं की फसल का बीमा भी करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल की कुल बीमित राशि 60 हज़ार रूपये प्रति हैक्टेयर प्रीमियम 12 प्रतिशत (कुल राशि 7200 प्रति हैक्टेयर) निर्धारित की गई है। इसके किसान की ओर से 15 प्रतिशत राशि (900 रूपये प्रति हैक्टेयर, 36 रूपये प्रति कनाल) वहन की जाएगी। शेष राशि सरकार अनुदान के रूप में भरपाई करेगी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत बीमाकृत क्षेत्र में कम वर्षा या प्रतिकूल मौसमी दशाओं के कारण बुआई/रोपण क्रिया न होने से होने वाली हानि से सुरक्षा प्रदान करेगा। उन्होंने बताया कि बुआई से लेकर कटाई तक गैर बाधित जोखिमों जैसे सूखे, बाढ़ और जलभराव में सुरक्षा प्रदान की जाएगी। फसल की कटाई के बाद होने वाले नुक्सान में दो सप्ताह तक चक्रवात और चक्रवातीय बारिश एवं गैर मौसमी बारिश के मामले में बीमा दिया जाता है। उन्होंने बताया कि अधिसूचित क्षेत्र में पृथक कृषि भूमि को प्रभावित करने वाली ओलावृष्टि, भूस्खलन ओर जलभराव के चिन्हित स्थानीयकृत जोखिमों से होने वाले नुक्सान में भी सुरक्षा प्रदान की जाती है।
डॉ कुलभूषण धीमान ने बताया कि किसासन बीमा करवाने के लिए हल्का पटवारी से अपनी जमीन की जमाबंदी नकल और फसल प्रमाण पत्र करने के बाद लोकमित्र केंद्र में प्रपत्र भरकर जमा करवाएं और प्रीमियम की रसीद भी अवश्य प्राप्त कर लें। अधिक जानकारी के लिए जिला के कम्पनी पर्यवेक्षक पंकज सैणी मोबाइल नम्बर 98055-00114 पर ओर नजदीकी कृषि कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता है।
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