35 वर्षों से लटका तकसीम का मामला दो महीने में सुलझा, इंतकाल भी कर दिया

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हमीरपुर जिले के भोरंज विधानसभा क्षेत्र के अतंर्गत कंज्याण गांव में आयोजित ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम के तहत संवाद के दौरान मिलाप चंद ने कहा कि 35 वर्षों से लटकी तकसीम को राजस्व लोक अदालत में दो माह में हल कर दिया गया और अब इंतकाल भी हो गया। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का विशेष तौर पर आभार व्यक्त किया। इस पर मुख्यमंत्री ने पूछा कि क्या जगह मिल गई तो मिलाप चंद ने कहा कि हां जी, अब तो मकान बनाने का कार्य भी आरम्भ कर दिया है।
वहीं आपदा प्रभावित मीना देवी ने बताया कि भारी बारिश से उनका मकान गिर गया था और छोटे-छोटे बच्चे सड़क पर आ गए। उसे अब राज्य सरकार की ओर से आर्थिक सहायता मिल गई है। मुख्यमंत्री ने पूछा कि कितने पैसे मिले तो मीना ने बताया कि पहली किश्त के रूप में उन्हें तीन लाख रुपये मिले हैं। वहीं आपदा प्रभावित राजेश कुमार ने बताया कि बरसात में उनका मकान गिर गया था तथा राज्य सरकार की ओर से उन्हें तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिल गई है। राजेश ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप गरीबों के मसीहा हो, सहारा हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द मकान बनाने का काम शुरू करो, चार लाख रुपये और मिलेंगे। प्रदेश सरकार घर पूर्णतया क्षतिग्रस्त होने पर सात लाख रुपये का मुआवजा प्रदान कर रही है।
वहीं मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना के लाभार्थी नवजोत शर्मा ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें अब तक 16 हजार रुपये पॉकेट मनी के रूप में मिले हैं। अब घर बनाने के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त करने को आवेदन किया है, जिसके लिए तीन लाख रुपये मिलेंगे। उन्होंने कहा कि अब वह उच्च शिक्षा ग्रहण करने जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च और चार हजार रुपये प्रतिमाह पॉकेट मनी राज्य सरकार देगी। इसके साथ ही साल में एक बार टूअर और जब शादी करनी होगी तो दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी मिलेगी।
इसी योजना के लाभार्थी अभिषेक शर्मा ने राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अब घर बनाने के लिए आवेदन कर रहा हूं। मुख्यमंत्री ने कहा कि घर बनाने के लिए तीन लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। उन्होंने पूछा कि क्या करते हो, तो अभिषेक ने कहा कुछ नहीं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अपना कुछ काम शुरू करो, राज्य सरकार इसके लिए दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देती है। पढ़ाई करो और पढ़ाई के खर्च के साथ-साथ हॉस्टल का खर्च भी राज्य सरकार द्वारा दिया जाता है।

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