ऊना, 6 मार्च – आगामी लोकसभा चुनाव 2024 के दृष्टिगत गठित जिला स्तरीय आदर्श आचार संहिता की स्थायी समिति की बैठक जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त जतिन लाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने बताया कि निष्पक्ष, सुचारू एवं पारदर्शी चुनाव में आदर्श आचार संहिता(एमसीसी) स्थाई समिति की अहम भूमिका रहती है। उन्होंने कहा कि स्थायी समिति के माध्यम से ही चुनाव आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित की जाती है। उन्होंने कहा कि समस्त अधिकारी चुनाव से संबंधित किसी भी प्रकार की शंका को चुनाव से पहले संबंधित रिटर्निंग अधिकारी या जिला के चुनाव नोडल अधिकारी से मिलकर दूर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी एकजुट होकर पारदर्शी तरीके से नियमानुसार कार्य करें ताकि लोकसभा चुनाव का सफल व निष्पक्ष संचालन हो सके।
उन्होंने कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने के बाद सार्वजनिक स्थानों पर लगे फोटोयुक्त सभी सरकारी होर्डिंग्स तथा अन्य प्रचार सामग्री हटाई जाएगी, जिसके लिए सभी एसडीएम पहले ही टीमों को तय कर लें। उन्होंने कहा कि निजी संपत्ति पर राजनीतिक दलों एवं प्रत्याशियों के होर्डिंग, दीवार लेखन आदि के लिए संपत्ति के मालिक से लिखित में अनुमति लेनी होगी तथा यह सूची एसडीएम कार्यालय में देनी होगी।
जतिन लाल ने जिला के समस्त विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने विभाग से संबंधित लगाए गए होर्डिंग्ज़ के स्थानों की सूची तैयार करना सुनिश्चित करें ताकि एमसीसी लागू होने पर उपंरात 24 घंटों के भीतर होर्डिंग्ज को आसानी से हटाया जा सके।
उपायुक्त ने कहा आदर्श आचार संहिता के लागू होने के तुरंत बाद कोई भी नया कार्य आरंभ नहीं किया जा सकता है। उन्होंने सभी विभागों से उन कार्यों की सूची मांगी, जो कार्य प्रगति पर हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग ऐसे कार्यों की सूची भी दें, जिनकी स्वीकृति मिली है। उन्होंने बताया कि वाहनों में लाउड स्पीकर के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने तथा रैली व बैठकें आयोजित करने के लिए संबंधित रिटर्निंग अधिकारी या सहायक रिटर्निंग अधिकारी से पूर्व में अनुमति लेना अनिवार्य रहेगा। उपायुक्त ने बताया कि सार्वजनिक रैली करने के लिए सुविधा ऐप के माध्यम से ऑनलाईन और ऑफलाईन आरओ/एआरओ के पास आवेदन करना होगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि प्रचार-प्रसार सामग्री प्रकाशित करने वाली प्रिंटिंग प्रैस व मुद्रक का नाम पोस्टर/पम्पलैटस पर अंकित करना अनिवार्य होगा।
जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उपायुक्त ने जिला कल्याण अधिकारी को जिला में दिव्यांग मतदाताओं की सूची तैयार करके संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों को उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि जिला में सभी दिव्यांग मतदाताओं की विशेष सुविधा के लिए मतदान दिवस के दिन हर पोलिंग बूथ पर व्हीलचेयर, रैम्प, स्वयंसेवक की सुविधा होनी चाहिए ताकि कोई भी दिव्यांग मतदाता अपने मताधिकार से वंचित न रह सके और सुगमता से मतदान कर सके।
जतिन लाल ने बताया कि 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग व बुजुर्ग मतदाता जिनकी आयु 85 वर्ष से ऊपर है, को घर से ही बैल्ट पेपर के माध्यम से मतदान करने की सुविधा होगी। 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग और 85 वर्ष से ऊपर के बुजुर्गों को बूथ लेवल ऑफिसर द्वारा प्रदान किए हुए फॉर्म 12 डी के माध्यम से कार्यालय में जमा करवाना होगा।
उपायुक्त ने कहा कि स्वीप कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियां की जानी चाहिए जिसमें एनसीसी, एनएसएस व एनवाईके के युवाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाए ताकि युवाओं के माध्यम से अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान करने के लिए जागरूक किया जा सके।
बैठक में एडीसी महेंद्र पाल गुर्जर, एसपी राकेश सिंह, एसडीएम विश्व मोहन देव चौहान, तहसीलदार निर्वाचन सुमन कपूर सहित सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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