मंडी, 20 सितम्बर। उपायुक्त अपूर्व देवगन की अध्यक्षता में शुक्रवार को डीआरडीए सभागार में आयोजित बैठक में मंडी जिला में संचालित की जा रही ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं की समीक्षा की गई। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को इन योजनाओं के समयबद्ध क्रियान्वयन के निर्देश दिए ताकि विकास योजनाओं का लोगों को समय पर लाभ प्राप्त हो सके।
उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मंडी जिला में मनरेगा के अंतर्गत अभी तक 216 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं। लक्ष्य के मुकाबले 120 प्रतिशत श्रम दिवस अर्जित किए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस वित्त वर्ष में 99.51 प्रतिशत मनरेगा मजदूरी की समय पर अदायगी की गई। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत 67 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया। उपायुक्त ने सभी विकास खण्ड अधिकारियों को ग्रामीण विकास से जुड़े कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए बीडीओ की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है। उन्होंने लंबित कार्यों को शीघ्र अति शीघ्र प्राथमिकता के आधार पर पूर्ण करने के निर्देश दिए।
बैठक में मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, सांसद आदर्श ग्राम योजना, मुख्यमंत्री लोक भवन, मुख्यमंत्री आदर्श ग्राम योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सहित प्लानिंग हेड के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की। इसके अतिरिक्त ऑडिट रिकवरी, पंचायत घर निर्माण व शिकायतों आदि पर भी चर्चा हुई। उन्होंने पंचायत स्तर पर मनरेगा के अंतर्गत विशेष बल देने को कहा ताकि अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा सके।
अपूर्व देवगन ने कहा कि पंचायतों में जो धनराशि विकास कार्यों में आवंटित की गई है, उसका सही ढंग से उपयोग सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि पंचायत स्तर पर चल रहे विकास संबंधी सभी निर्माण कार्यों का नियमित तौर पर निरीक्षण करें तथा इन कार्यों में गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखें। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा करना आवश्यक है, ताकि कार्यों में तेजी लाई जा सके।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी (ग्रामीण विकास) गोपी चन्द पाठक, जिला पंचायत अधिकारी अंचित डोगरा, समस्त खंड विकास अधिकारियों सहित ग्रामीण विकास के अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
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