राज्य सरकार शिक्षा की गुणवत्ता पर दे रही विशेष ध्यान: पठानिया

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शाहपुर,10 दिसंबर। उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में बच्चों के समग्र विकास के लिए पढ़ाई के साथ साथ खेल व अन्य गतिविधियों में भी भागेदारी जरूरी है । मंगलवार को रावमापा मनेई के वार्षिक पारितोषिक समारोह में बतौर मुख्यातिथि उपमुख्य सचेतक केवल सिंह पठानिया ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दे रही है तथा सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कारनगर कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल में शीघ्र ही परीक्षा हाल का निर्माण करवाया जाएगा तथा सात दिन के भीतर नई पाइप डाल कर स्कूल के लिए सुचारू पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को मनेई बाजार में स्पीड ब्रेकर तथा डीएवी स्कूल के लिए रास्ता बनाने का कार्य प्राथमिकता के आधार पर करने के आदेश दिये। उन्होंने कहा कि कि कम वोल्टेज की समस्या से निजात हेतु शाहपुर-लंज विद्युत योजना के अंतर्गत 33 केवी की नई एचटी लाइन डाली जा रही है जिसपर 3.84 करोड़ रुपये व्यय होंगें। इसके अतिरिक्त इस क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था में सुधार हेतु भरुपलाहड़ में  25 केवीए के ट्रांसफार्मर को अपग्रेड कर 63केवीए कर दिया गया है ।
उन्होंने बताया कि मनेई-परगोड़ पेयजल योजना के विस्तारीकरण पर 3.29 करोड़ की धनराशि व्यय की जाएगी और इसके पूरा हो जाने पर चंगर क्षेत्र की चार पंचायतों के 20 गांवों के हजारों  लोग लाभान्वित होंगें ।
उपमुख्य सचेतक केवल पठानिया ने शैक्षणिक,खेल व अन्य गतिविधियों में अव्वल रहे बच्चों को सम्मानित किया ।स्थानीय स्कूल के कार्यवाहक प्रधानाचार्य संदीप कुमार ने मुख्यातिथि तथा अन्य आये हुए मेहमानों का स्वागत किया एवं स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी ।
एसएमसी प्रधान जतून वीवी ने स्कूल में आने पर उपमुख्य सचेतक का आभार जताया एवं स्कूल की विभिन्न समस्याओं को उनके सम्मुख रखा । स्थानीय स्कूल के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ साथ शिक्षाप्रद नाटक प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

’15 लाख से बनने वाले वन विभाग के सामुदायिक भवन का किया शिलान्यास’
उपमुख्य सचेतक केवल पठानिया ने वन विश्राम गृह लपियाणा के परिसर में वन विभाग के 15 लाख से बनने वाले सामुदायिक भवन का नींव पत्थर रखा । स्थानीय लोगों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि इस सामुदायिक भवन के बन जाने से स्थानीय लोगों को भी इसका लाभ मिलेगा । वह अपने छोटे-मोटे कार्यक्रम यहाँ पर कर सकते हैं । यहां पर उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याओं को भी सुना और विभिन्न विभागों के अधिकारियों से इलाके में चल रहे विभिन्न विकास कार्यों की फीडबैक ली तथा उचित दिशा-निर्देश दिए।
‘यह रहे उपस्थित’
एसीएफ दौलत राम,प्रधानाचार्य आईटीआई शाहपुर चैन सिंह राणा,नायब तहसीलदार डीसी राणा, अधिशासी अभियंता जलशक्ति अमित डोगरा, बीएमओ शाहपुर डॉ कविता ठाकुर,सहायक अभियंता विद्युत रमेश शर्मा, उपमुख्य सचेतक के सलाहकार विनय,प्रधान मनेई निशा देवी,उपप्रधान वीरेन्द्र राणा, सुर्जन सिंह, निर्मल,विक्रम पटियाल,रेखा चैधरी, विभिन्न स्कूलों के प्रधानाचार्य, पँचायत प्रधान,बच्चों के माता-पिता,स्कूल स्टाफ व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को 2027 तक आत्मनिर्भर तथा 2032 तक देश का सबसे समृद्धशाली राज्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है, जिसके लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ग्रीन हिमाचल, समृद्ध हिमाचल के लक्ष्य को केन्द्रित करते हुए प्रदेश सरकार हिमाचल को ग्रीन राज्य के रूप में विकसित करने के दृष्टिगत यहां के प्राकृतिक संसाधनों का उचित दोहन करने की दिशा में कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य भी है तथा प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन क्ष्ेत्र का लगभग सात प्रतिशतयोगदान है। वर्ष 2023 में प्रदेश में लगभग 1.6 करोड़ पर्यटक पहुंचे। पर्यटन के माध्यम से प्रदेश के लगभग तीन लाख लोगों को रोजगार के अवसर  प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ई-व्हीकल्स को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रदेश में 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत ई-टैक्सी खरीदने और निजी भूमि पर सोलर पैनल लगाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाई जाने वाली मक्की की खरीद के लिए राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये निर्धारित किया गया है। प्रदेश में प्राकृतिक खेती के साथ-साथ बागवानी के क्षेत्र में भी रोजगार व स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसके दृष्टिगत सरकार एचपी शिवा परियोजना के माध्यम से आने वाले समय में एवोकेडो और ड्रेगन फल की भी खेती करने की संभावनाएं तलाश रही है।
इससे पूर्व प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन एवं कृषि पारिस्थिकी संस्था के निदेशक राजीव अहल ने ग्रीन हिमाचल-समृद्ध हिमाचल विषय को लेकर विस्तृत प्रस्तुति दी।

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