जिला प्रशासन ऊना ने घने कोहरे और शीतलहर के दृष्टिगत जनहित में जारी की एडवाइजरी

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ऊना, 16 दिसंबर. जिला प्रशासन ऊना ने घने कोहरे और शीतलहर के दृष्टिगत जनहित में एडवाइजरी जारी की है। इसके जरिए प्रशासन ने बढ़ती ठंड और घने कोहरे के मद्देनजर लोगों से स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर कुछ आवश्यक सावधानियां बरतने का आग्रह किया है। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि तापमान में लगातार गिरावट के चलते आगामी दिनों में शीतलहर और धुंध का असर और बढ़ सकता है। ऐसे में सुरक्षा और बचाव की दृष्टि से आवश्यक सावधानियां बरतना जरूरी है।
यातायात के लिए जरूरी सावधानियां
यातायात के लिए जरूरी सावधानियों की बात करते हुए उपायुक्त ने सभी वाहन चालकों से गति नियंत्रित रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि घने कोहरे में वाहन धीमी गति से चलाएं ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही लाइट का सही उपयोग करें। गाड़ी की लाइट को लो बीम पर रखें। यदि दृश्यता बहुत कम हो, तो फॉग लाइट का प्रयोग करें। वाहनों के बीच पर्याप्त दूरी रखें ताकि अचानक रुकने की स्थिति में दुर्घटना न हो। सड़क पर पेंट की गई लाइन का उपयोग एक गाइड के रूप में करें। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन और तेज आवाज में संगीत न सुनें।
शीतलहर से बचाव के उपाय
एडवाइजरी में जिला वासियों से यह भी आग्रह किया गया है कि शीतलहर के दौरान यथासंभव घर के अंदर ही रहें। बाहर निकलते समय सिर, कान, हाथ, पैर और नाक को अच्छी तरह ढक कर निकलें। रेडियो, टीवी और समाचार पत्रों से मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी लेते रहें। कई स्तरों वाले ऊनी कपड़े पहनें ताकि शरीर की गर्मी बरकरार रहे। शरीर को गर्म रखने के लिए पोषक आहार और गर्म पेय का सेवन करें। हीटर, कोयले की अंगीठी या केरोसिन के उपयोग के दौरान कमरे में वेंटिलेशन का उचित प्रबंध करें। अपने सिर को ढक कर रखें, क्योंकि ठण्ड में सिर के माध्यम से ऊष्मा का अभाव हो सकता है। अपने मुहं को भी ढक कर रखें, इससे आपके फेफड़ों को ठण्ड से सुरक्षा मिलेगी। कम तापमान में कठिन काम न करें, क्षमता से अधिक शारीरिक कार्य न करें, इससे हृदयघात का खतरा उत्पन्न हो सकता है।
स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां
उपायुक्त ने लोगों से स्वास्थ्य लेकर भी सजग रहने को कहा है। उन्होंने कहा कि शरीर के अंगों का सुन्न होना, हाथ-पैर की उंगलियों, कान और नाक पर सफेद या पीले दाग दिखना शीतदंश के लक्षण हो सकते हैं। अत्यधिक ठिठुरना, सुस्ती, थकान, स्मृति कमजोर होना या तुतलाना हाइपोथर्मिया के संकेत हैं। यदि किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
उपायुक्त ने सभी नागरिकों से मौसम की गंभीरता को समझने, सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर सतर्कता बरतने और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है।

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