देश की एकता और अखंडता की अहम कड़ी है राजभाषा  हिंदी  : रांगड़ा

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राष्ट्रीय फैशन संस्थान छेब में हिंदी की उपयोगिता पर कार्यशाला आयोजित
धर्मशाला, कांगड़ा 30 दिसंबर।  राष्ट्रीय फैशन संस्थान छेब कांगड़ा में राजभाषा के रूप में हिंदी की उपयोगिता की उपयोगिता को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का शुभारंभ राष्ट्रीय फैशन संस्थान छेब के संयुक्त निदेशक दिनेश रांगड़ा ने करते हुए कहा कि राजभाषा के रूप में हिंदी को अपनाना सब के लिए अत्यंत जरूरी है, हमारी राजभाषा हिन्दी एकता एवं अखंडता की कड़ी है, जो संपूर्ण राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोने का काम करती है। उन्होंने कहा कि सूचना क्रांति के दौर में लगभग सभी कार्ययोजना हिंदी में उपलब्ध होने के कारण इसकी व्यापकता ग्रामीण स्तर तक पहुंच चुकी है।
इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता जिला लोक संपर्क अधिकारी विनय शर्मा ने कहा कि हिंदी एक विश्व भाषा के रूप में उभरी है। हिंदी भाषी लोगों की वैश्विक उपयोगिता बढ़ चुकी है एवं विदेशों में भी रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। विश्व में हिंदी के प्रति बढ़ती रूचि के कारण विश्व के अधिकांश विकसित राष्ट्र भारतीय भाषा के अध्ययन के प्रति आकृष्ट हुए हैं। दुनिया के लगभग 50 से भी ज्यादा देशों में हिंदी भाषा के पठन-पाठन की सुविधा उपलब्ध है। सूचना क्रांति के कारण हिंदी भाषा का काफी विस्तार हुआ है। शिक्षा, रोजगार, साहित्य, पर्यटन एवं तकनीकी के क्षेत्र में हम आत्मनिर्भर हो रहे हैं एवं आर्थिक दृष्टिकोण से हिंदी भाषा के प्रभाव के कारण विदेशों के साथ व्यापारिक रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। भारत को ग्लोबल बाजार बनाने की भूमिका में हिंदी की सक्रिय भागीदारी है। वर्तमान परिवेश में हिंदी राजनीतिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से सुदृढ़ हो चुकी है। विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में हिंदी का अध्ययन एवं अध्यापन का कार्य चल रहा है। संचार के इस युग में हिंदी को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल चुकी है। हिंदी भाषा के व्यापक प्रसार के कारण विश्व की अनेक वेबसाइट हिंदी अपना चुकी है। ई-मेल, ई-कॉमर्स, इंटरनेट एवं वेब जगत मे भी हिंदी की उपलब्धता है। माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, आईबीएम तथा ओरेकल जैसे कंपनियां भी हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। एक अध्ययन के अनुसार हिंदी सामग्री की खपत करीब 94 प्रतिशत तक बढ़ी है।
इस अवसर पर चर्चा में भाग लेते हुए शैक्षणिक समन्वयक विनोद शर्मा, सहायक आचार्य  नीरज जायसवाल, लेखा अधिकारी मान सिंह ने भी राजभाषा हिंदी की उपयोगिता को लेकर विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर हिंदी अधिकारी ऋतु रानी ने सभी प्रतिभागितयों का कार्यशाला में भाग लेने के लिए आभार व्यक्त किया।

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