कुल्लू दशहरा: 200 किमी का सफर तय कर दशहरा में परंपरा निभाने पहुंचेंगे देवी-देवता

Read Time:4 Minute, 36 Second

200 किमी का सफर तय कर दशहरा में परंपरा निभाने पहुंचेंगे देवी-देवतादेवी-देवताओं के बिना दशहरा का महत्व कुछ भी नहीं है। दशहरा उत्सव समिति की ओर से हर साल की तरह इस बार भी देवी देवताओं को निमंत्रण पत्र भेजे गए हैं। कुल्लू के साथ खराहल, ऊझी घाटी, बंजार, सैंज, रूपी वैली के सैकड़ों देवी-देवता दशहरा की शोभा बढ़ाने के लिए पहुंचे रहे हैं। दिलचस्प यह है कि बाह्य सराज आनी-निरमंड के देवी देवता 200 किलोमीटर का लंबा सफर कर दशहरा में पहुंचेंगे। देवता मंगलवार सुबह से शाम तक ऐतिहासिक ढालपुर मैदान पहुंचना शुरू हो जाएंगे। अधिकतर देवी-देवता पैदल सफर कर कुल्लू पहुंचते हैं और देवलुओं को एक सप्ताह तक का समय लगता है।

2 of 5
खुडीजल के अलावा ब्यास ऋषि, टकरासी नाग, कोट पझारी, चोतरू नाग और निरमंड से देवता शरशाई नाग, देवता चंभू, उर्टू से चंभू, भुवनेश्वरी माता दुराह, देवता चंभू कशौली, सप्तऋषि तथा कुईकांडा नाग घाटू दशहरा की शोभा को बढ़ाएंगे। दूर दराज से आने वाले देवी-देवता दशहरा से चार से पांच दिन पहले अपने देवालय से कूच कर चुके हैं। जबकि नजदीक के देवता दो से तीने दिन पहले दशहरा को रवाना हुए हैं। माता हिडिंबा मनाली और बिजली महादेव दशहरा के एक दिन पहले ढालपुर के लिए निकलेंगे। ढालपुर पहुंचने पर सभी देवता देव परंपरा का निर्वहन करने के लिए भगवान रघुनाथ के दरबार रघुनाथपुर पहुंचकर शीश नवाएंगे। भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के साथ दशहरा का आगाज होगा और इस बार प्रधानमंत्री मोदी भी इसके गवाह बनेंगे।

3 of 5
गाजे-बाजे के साथ निकलेगी भगवान नरसिंह की भव्य जलेब- अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव में पांच दिनों तक भगवान नरसिंह की जलेब गाजे-बाजे के साथ निकलेगी। ढालपुर स्थित राजा की चाननी से इसकी शुरूआत होगी और करीब एक किलोमीटर की परिधि में जलेब यात्रा उपायुक्त कार्यालय, जिला अस्पताल तथा कलाकेंद्र होकर शाही अंदाज में निकलेगी। इस दौरान भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह पालकी में सवार होंगे।

4 of 5
देव चाकरी के लिए छुट्टी लेते हैं सरकारी कर्मचारी- देव परंपरा का निर्वहन के लिए दशहरा में अपने-अपने देवी-देवता की देव चाकरी के लिए कई सरकारी कर्मचारियों को छुट्टी लेनी पड़ती है। देव नियमों से बंधे हारियानों को देवता के पास अपनी उपस्थिती देनी जरूरी है। ऐसा न करने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। इतना ही नहीं उस व्यक्ति को देव समाज से भी बाहर किया जा सकता है। खास बात है कि दशहरा में भाग लेने देवी देवताओं के करीब एक दर्जन से अधिक कारदार सरकारी कर्मचारी हैं। ऐसे में उन्हें सात दिनों तक दशहरा पर्व के चलते अवकाश लेना पड़ता है।

5 of 5
धुर विवाद के चलते नजरबंद किए जाते हैं देवता श्रृंगाऋषि व बालू नाग- दशहरा उत्सव में ऊपजे धुर विवाद के चलते देवता श्रृंगाऋषि व बालू नाग को दशहरा उत्सव समिति निमंत्रण पत्र नहीं देती है। बावजूद इसके दोनों देवता दशहरा में भाग लेते आए हैं। लेकिन दशहरा उत्सव के दौरान भगवान रघुनाथ की रथयात्रा के दौरान इन दोनों देवताओं को पुलिस के कड़े पहरे में उनके अस्थायी शिविरों में ही नजरबंद किया जाता है

http://dhunt.in/CFfhx?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “अमर उजाला”

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post Papankusha Ekadashi Vrat 2022: सारे पापों का प्रायश्चित के लिए रखें पापांकुशा एकादशी व्रत? जानें तिथि, मुहूर्त और विष्णु पूजन का महत्व!
Next post Traffic Challan: हेलमेट पहनने के बाद भी कट जाएगा चालान, आज ही करना छोड़ दें ये काम
error: Content is protected !!