नेतन्याहू को सत्ता मिलते ही इजरायल पर ताबड़तोड़ अटैक, गाजा पट्टी से दागे गए 4 रॉकेट

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नेतन्याहू को सत्ता मिलते ही इजरायल पर ताबड़तोड़ अटैक, गाजा पट्टी से दागे गए 4 रॉकेट।जरायल के प्रधानमंत्री यायर लैपिड ने चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली और विपक्षी नेता बेंजामिन नेतन्याहू को फोन कर चुनावी जीत पर बधाई दी। नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन ने संसद में बहुमत हासिल कर लिया है।

वहीं नेतन्याहू की जीत के कुछ देर बाद ही गाजा पट्टी से एक के बाद एक चार मिसाइलें दागी गई। हालांकि जानकारी यह भी सामने आ रही है कि हमले में किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट है कि पहले एक मिसाइल दागी गई। फिर एक घंटे के अंतराल के बाद गाजा पट्टी से तीन मिसाइलें छोड़ी गई। सूत्रों का मानना है कि हमला फिलिस्तीनी जिहादियों द्वारा किया गया है। हालांकि अभी रॉकेट हमले की किसी ने भी जिम्मेदारी नहीं ली है।

नेतन्याहू-नीत दक्षिणपंथी गुट ने 120-सदस्यीय संसद में 64 सीट जीतकर बहुमत हासिल कर लिया। लैपिड ने नेतन्याहू से कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय के सभी विभागों को सत्ता के व्यवस्थित हस्तांतरण की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। लैपिड ने ट्वीट किया, इजरायल की संकल्पना किसी भी राजनीतिक विचार से ऊपर है। मैं नेतन्याहू को इजरायल और यहां के लोगों के लिए शुभकामनाएं देता हूं। इजरायल के लोगों ने देश में राजनीतिक गतिरोध को तोड़ने के लिए मंगलवार को चार साल में अभूतपूर्व पांचवीं बार मतदान किया।

इजरायल में वर्षों तक नेतन्याहू राजनीतिक रूप से अजेय प्रतीत हो रहे थे, लेकिन 2021 में पार्टियों के एक अभूतपूर्व गठबंधन की ओर से सत्ता से बाहर किए जाने के बाद उन्हें एक करारा झटका लगा था। इस गठबंधन का एकमात्र लक्ष्य उन्हें सत्ता से बाहर करना था। केंद्रीय निर्वाचन समिति के ताजा आंकड़ों के अनुसार, नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 31 सीट, प्रधानमंत्री यायर लैपिड की येश अतीद को 24, रिलीजियस जियोनिज़्म को 14, नेशनल यूनिटी को 12, शास को 11 और यूनाइटेड टोरा जुदाइस्म को आठ सीटें प्राप्त होंगी।

इजरायल में 2019 में 73 वर्षीय नेतन्याहू पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी एवं विश्वासघात के आरोप लगने के बाद से राजनीतिक गतिरोध चला आ रहा है। नेतन्याहू इजरायल के सर्वाधिक समय तक प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने लगातार 12 वर्षों तक और कुल मिलाकर 15 साल तक देश पर शासन किया। उन्हें 2021 में सत्ता से हटना पड़ा था लेकिन एक साल में ही उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय में वापसी की है।

http://dhunt.in/EI25x?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “डेली न्यूज़360”

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