दिल्ली पुलिस ने बांग्लादेश से जुड़े अंग प्रत्यारोपण रैकेट मामले में 7,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की

Read Time:6 Minute, 39 Second

 

नई दिल्ली, 30 अगस्त 2024 — एक महत्वपूर्ण विकास में, दिल्ली पुलिस ने एक प्रमुख अंग प्रत्यारोपण रैकेट के संबंध में एक व्यापक 7,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसे इस वर्ष की शुरुआत में उजागर किया गया था। यह चार्जशीट, जो दिल्ली की अदालत में प्रस्तुत की गई है, अवैध संचालन के जटिल विवरणों को स्पष्ट करती है, जिसका अंतर्राष्ट्रीय संबंध है और बांग्लादेश तक फैला हुआ है।

यह रैकेट जुलाई में सामने आया जब दिल्ली पुलिस ने एक टिप-ऑफ पर शहर के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की और एक 50 वर्षीय महिला डॉक्टर और तीन बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया। आरोपियों पर मानव अंगों की अवैध खरीद-फरोख्त और प्रत्यारोपण में शामिल होने का आरोप है।

चार्जशीट के विवरण

चार्जशीट में आरोपियों की गतिविधियों का बारीकी से विवरण दिया गया है, जिसमें दिखाया गया है कि गिरोह सीमा पार कैसे संचालित हुआ, और कैसे वे भारत और बांग्लादेश के गरीब समुदायों के कमजोर लोगों को अंग दान के लिए मजबूर करते थे। इन लोगों को पैसे की सहायता या झूठे नौकरी के प्रस्तावों के बहाने अंग दान के लिए मजबूर किया गया था।

चार्जशीट में गिरफ्तार डॉक्टर की भूमिका पर भी प्रकाश डाला गया है, जो रैकेट के सर्जिकल पहलू में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आरोप है। डॉक्टर, जिनकी पहचान अधिकारियों द्वारा छुपाई गई है, कथित तौर पर अवैध प्रत्यारोपण सर्जरी का संचालन करती थीं, कानूनी चिकित्सा प्रोटोकॉल और नियमों को नजरअंदाज करते हुए।

गिरफ्तार किए गए तीन बांग्लादेशी नागरिकों को मुख्य ऑपरेटिव के रूप में पहचाना गया है, जिन्होंने दोनों देशों के बीच दाताओं और प्राप्तकर्ताओं की आवाजाही की सुविधा प्रदान की। चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ है कि नेटवर्क भारत और बांग्लादेश के बाहर भी फैला हुआ था, और अन्य दक्षिण एशियाई देशों से संभावित लिंक हो सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव

अंग तस्करी की इस ट्रांसनेशनल प्रकृति ने क्षेत्र में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच चिंता बढ़ा दी है। दिल्ली पुलिस बांग्लादेशी अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है ताकि रैकेट की सीमा की जांच की जा सके और अवैध व्यापार में शामिल अन्य संभावित संदिग्धों की पहचान की जा सके।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, चार्जशीट में कई पीड़ितों की गवाही, वित्तीय रिकॉर्ड, और डिजिटल सबूत शामिल हैं जो आरोपियों की अवैध अंग व्यापार में भागीदारी को सत्यापित करते हैं। दस्तावेज में उन स्थानों से संवेदी प्रमाण भी शामिल हैं जहां कथित तौर पर अवैध सर्जरी की गई थी।

कानूनी कार्यवाही और अगले कदम

आरोपियों को वर्तमान में न्यायिक हिरासत में रखा गया है, और अदालत आने वाले दिनों में चार्जशीट पर संज्ञान लेने की उम्मीद है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली पुलिस द्वारा संकलित किए गए व्यापक सबूत इस मामले में सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिसे हाल के वर्षों में सबसे बड़े अंग तस्करी मामलों में से एक के रूप में वर्णित किया जा रहा है।

दिल्ली पुलिस ने जनता से सतर्क रहने और अंग प्रत्यारोपण से संबंधित किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना देने की अपील की है। अधिकारियों ने मेडिकल संस्थानों के साथ मिलकर नियमों को कड़ा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए काम किया है कि वैध अंग प्रत्यारोपण सख्त कानूनी और नैतिक मानकों के तहत किए जाएं।

जनता और सरकार की प्रतिक्रिया

इस मामले ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया है, और अवैध अंग व्यापार के शिकार लोगों के शोषण को लेकर सार्वजनिक रोष उत्पन्न हुआ है। कई मानवाधिकार संगठनों ने अंग प्रत्यारोपण से संबंधित कानूनों को कड़ा करने और अंग तस्करी के शिकार लोगों के लिए अधिक समर्थन की मांग की है।

सरकार ने भी ऐसे अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का वादा किया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि वे मौजूदा नियमों की समीक्षा करेंगे और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए मजबूत उपायों पर विचार करेंगे।

जैसे-जैसे मामला आगे बढ़ेगा, यह क्षेत्र में अंग तस्करी के व्यापक मुद्दे को उजागर करने की उम्मीद है और इस घृणित अपराध को रोकने के लिए नीतियों की पुनरावृत्ति को प्रेरित करेगा।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Previous post महाराष्ट्र के लोगों से पीएम मोदी ने छत्रपति शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर मांगी माफी
Next post प्राकृतिक खेती के उत्पादों को एमएसपी प्रदान करने वाला पहला राज्य बना हिमाचलः मुख्यमंत्री
error: Content is protected !!