हिमाचल चुनावः सुजानपुर टीरा में कांग्रेस के राणा, भाजपा के कैप्टन के बीच कांटे का मुकाबला। हीमाचल प्रदेश में हमीरपुर जिले की प्रतिष्ठित सुजानपुर टीरा विधानसभा सीट पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला है। वैसे तो वर्तमान विधायक और राज्य कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेंद्र राणा का कई प्रतिद्वंदियों से मुकाबला है, लेकिन उनकी मुख्य टक्कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कैप्टन रणजीत सिंह से है।
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की सीट छोड़ने और इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए पूर्व सैन्य अधिकारी की सिफारिश करने के बाद भाजपा आलाकमान ने कैप्टन सिंह को मैदान में उतारा है।
एक समय धूमल और राणा बहुत करीबी दोस्त माने जाते थे और उनकी दोस्ती इस क्षेत्र में जगजाहिर थी। बाद में राजनीति के कारण वे अलग हो गए और अब एक-दूसरे के धुर विरोधी हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में राणा ने धूमल को 1,919 वोटों से हराया था। राणा को 25,288 वोट मिले थे जबकि धूमल को 23,369 वोट प्राप्त हुए थे। ऐसी खबरें थीं कि धूमल इस बार भी भाजपा के उम्मीदवार होंगे लेकिन उनके चुनाव लड़ने से मना करने के बाद सुजानपुर के जिला परिषद सदस्य कैप्टन रणजीत सिंह को पार्टी ने उम्मीदवार के रूप में नामित किया। इस निर्वाचन क्षेत्र को पहले ‘हिमाचल प्रदेश का अंडमान’ भी कहा जाता था और यहां मतदाताओं की संख्या 75,396 है।
इस निर्वाचन क्षेत्र में 104 मतदान केंद्र हैं, जहां 12 नवंबर को मतदान होना है। सुजानपुर में मुकाबला दिलचस्प होने वाला है क्योंकि दोनों पक्ष खुद को सैनिक समर्थक बता रहे हैं। कांग्रेस उम्मीदवार के अनुसार उन्होंने सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए बहुत काम किया है, जबकि भाजपा का कहना है कि पार्टी ने एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी को मैदान में उतारकर इसे साबित किया है, जिन्होंने सीमाओं पर देश की सेवा की है और कई लड़ाइयों में शामिल हुए हैं। पूरा धूमल परिवार-पूर्व मुख्यमंत्री और उनके दोनों पुत्र सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर और इंडियन प्रीमियर लीग के अध्यक्ष अरुण धूमल कैप्टन सिंह के पक्ष में खुलकर प्रचार कर रहे हैं और ऐसा लगता है कि पूरा धूमल परिवार कांग्रेस से 2017 में अपनी हार का बदला लेना चाहता है। क्षेत्र में भ्रमण करने से पता चलता है कि मतदाता अपनी योजनाओं पर चुप्पी साधे हुए हैं। वे किसी भी पार्टी को नाराज नहीं करना चाहते क्योंकि वे भी देखना चाहते हैं कि विधानसभा में कौन पहुंचता है।
स्थानीय लोग हालांकि मानते हैं कि धूमल और राणा दोनों ने इस क्षेत्र के विकास में योगदान दिया है, इसलिए फिलहाल स्थिति 50:50 की बनी हुई है। उनका यह भी मानना है कि चुनाव से बाहर निकलकर और एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी को भाजपा उम्मीदवार बनाकर धूमल ने एक चतुराई भरा खेल खेला है, जिसने कांग्रेस भी चकित हो गई है। दूसरी तरफ, राणा अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि भाजपा के उम्मीदवार कौन हैं और उनके समर्थन में कौन हैं। उन्होंने कहा, मैंने स्थानीय लोगों के लिए बहुत कुछ किया है और वे मेरे कामों के लिए मुझसे बहुत प्यार करते हैं और वे राजनीतिक विचारों से ऊपर उठकर मुझे ही वोट देंगे। कैप्टन रणजीत सिंह सुरक्षित महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनके प्रचार का प्रबंधन पूरा धूमल परिवार कर रहा है। धूमल के छोटे पुत्र अरुण धूमल ने कहा कि कैप्टन रणजीत सिंह की सफलता सुनिश्चित है और क्षेत्र के लोग 2017 में धूमल की हार का बदला लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्य में पार्टी उम्मीदवारों का प्रचार करने के लिए नौ नवंबर को सुजानपुर टीरा आएंगे।
http://dhunt.in/EK6tT?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “डेली न्यूज़360”
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