जब PM मोदी ने BJP के बागी नेता को किया फोन, कहा- पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ ना लड़ें चुनाव।प्रदेश में वोटिंग से पहले बीजेपी के लिए बागी उम्मीदवार मुसीबत बन गए हैं. शनिवार को हिमाचल प्रदेश में चुनावी सभा करने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने भी बागी उम्मीदवार का जिक्र हो गया.
इस पर पीएम मोदी ने तुरंत मोर्चा संभाला और कांगड़ा में बागी नेता कृपाल परमार को फोन कर दिया. मोदी ने कृपाल के हालचाल लिए और उनसे समस्याएं पूछीं. उसके बाद सभी मांगों को पूरा करने और पार्टी प्रत्याशी को समर्थन देने की अपील की. इस दौरान बागी नेता ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की शिकायत कर दी.
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग की तारीख नजदीक आ गई है. सत्ताधारी बीजेपी के सामने सबसे बड़ी मुसीबत बागी नेता बन गए हैं. कई सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों की बागियों से ही आमने-सामने की लड़ाई है तो कई जगहों पर बागियों ने पार्टी के जीत का गणित बिगाड़ दिया है. इन चुनौतियों से निपटने में संगठन के माथे पर पसीना देखा जा रहा है.
‘आपकी समस्याओं को सुना जाएगा’
शनिवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश में चुनावी रैली करने पहुंचे तो उन्हें कांगड़ा में पार्टी के बागी नेता कृपाल परमार के बारे में बताया गया. इस पर पीएम मोदी ने परमार के बारे में पूरी जानकारी ली और तुरंत फोन किया. पीएम मोदी ने सबसे पहले परमार की खैरियत जानी. उसके बाद चुनाव के बारे में रिपोर्ट और पार्टी प्रत्याशी को समर्थन करने की अपील की. मोदी का परमार से कहना था कि आपकी समस्याओं का सुना जाएगा और मांगों को पूरा किया जाएगा. आप चुनाव नहीं लड़ें.
‘नड्डा 15 साल से जलील कर रहे हैं’
प्रधानमंत्री ने कृपाल परमार को पार्टी के उम्मीदवार के पक्ष में चुनावी मैदान छोड़ने के लिए कहा और उन्हें आश्वासन दिया कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर किया जाएगा. इस दौरान कृपाल परमार भी पीएम मोदी से ये कहते सुने गए हैं कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा पिछले 15 साल से उन्हें जलील कर रहे हैं.
‘कांग्रेस का मतलब है- भ्रष्टाचार की गारंटी’
पीएम मोदी ने आज सोलन में जनसभा में कांग्रेस पर हमला बोला. मोदी ने कहा कि भाजपा का काम भी पक्का है और इरादा भी पक्का है. वहीं कांग्रेस में अनिश्चितता है, अनिर्णय है, अराजकता है. हिमाचल के लोग ये भी जानते हैं कि कांग्रेस का मतलब है भ्रष्टाचार की गारंटी. कांग्रेस का मतलब है स्वार्थ भरी राजनीति की गारंटी. ये लोग खुद को कट्टर ईमानदार कहते हैं, लेकिन सबसे बड़े भ्रष्टाचारी यही होते हैं. ये लोग समाज को तोड़ने के लिए, देश की एकता को तोड़ने के लिए साजिशें रचते हैं. हिमाचल को ऐसे स्वार्थी समूह से खुद को बचाकर रखना है. जब केंद्र में स्थिर सरकार बनी तो भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई शुरू हुई. जब केंद्र में स्थिर सरकार बनी तो आतंकवाद, नक्सलवाद, काबू में आए, नार्थ ईस्ट में शांति स्थापित हुई.
http://dhunt.in/EMRnT?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “आज तक”
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