हिमाचल: चुनाव से 5 दिन पहले BJP का बड़ा दांव, हिंदू वोटर्स को एकजुट करने की पहल कितनी कारगर?। प्रदेश में दो दर्जन के करीब बागियों से परेशान बीजेपीने मिशन रिपीट करने के लिए यूनिफार्म सिविल कोड और वक्फ बोर्ड की संपतियों की जांच पडताल करने का दांव चला है.।
ऐसा करके दो फीसदी से भी कम मुस्लिम आबादी वाली देवभूमि के 95 फीसदी से ज्यादा हिंदू मतदाताओं को एकजुट करने की मुहिम छेड़ने की पहल की हैं. लेकिन यह दांव मिशन रिपीट में कितना मददगार हो सकेगा यह समय बताएगा.
जो भी हो मतदान से चंद रोज पहले बीजेपी ने यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने और वक्फ बोर्ड की संपतियों की जांच करने को लेकर अपना पुराना और अधूरा छूटा एजेंडा सेट करने की पहल कर दी हैं. अब वक्फ बोर्ड की संपतियां जरूर चर्चा में आ जाएंगी. इन संपतियों पर सालों से किसका कब्जा हैं, उन नामों को लेकर भी आने वाले समय में चर्चा जरूर होगी.
हिमाचल में बीजेपी ने आगे किया एजेंडा
बहरहाल, हिमाचल प्रदेश में वक्फ बोर्ड की अरबों रुपयों की संपतियां हैं. इनमें सालों से लोगों ने कब्जे किए हुए हैं. अब तक न कांग्रेस और न ही बीजेपी ने इन संपतियों की सुध ली हैं. सैंकडों मामले अदालतों में चल रहे हैं.संकल्प पत्र को जारी करने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा भी कि इन संपत्तियों में जरूर कुछ हो रहा होगा तभी तो समझा गया कि इन मामलों की जांच होनी चाहिए. समाज में अंदरखाते कुछ घट रहा है तो उस पर ध्यान देना ही चाहिए. जेपी नड्डा का इशारा बिल्कुल साफ है और उन्होंने बीजेपी के एजेंडे को भी आगे कर दिया हैं.
प्रदेश में जिला चंबा, सिरमौर, शिमला, सोलन, कांगडा समेत बाकी दूसरे जिलों में भी मुस्लिम आबादी है. रोहडू, इंदौरा, चौपाल जैसे कुछ इलाकों में दोनों समुदाय में छिटपुट झडपें भी होती रही हैं. लेकिन कोई बडा बवाल कभी नहीं उठा हैं. पुलिस थाने तक जरूर कुछ मामले पहुंचे हैं. बीजेपी ने यहां दांव बहुत देरी से चला हैं. अगर कुछ समय पहले से यह दांव चला होता तो कुछ हलकों में यह संपतियां चर्चा में जरूर आ जातीं.
बीजेपी बागियों से परेशान
यूनिफार्म सिविल कोड का मामला बीजेपी का राष्ट्रीय स्तर का मसला है. चूंकि प्रदेश में मुस्लिम आबादी बहुत कम हैं. इसका हिमाचल में प्रभाव कितना पडेगा यह संकल्प पत्र बनाने वाली समिति ने जरूर देखा होगा. कुछ हलकों में जरूर कुछ असर हो सकता है. बागियों की वजह से इस बार बीजेपी कोई कार्ड इन चुनावों में नहीं चल रहा है. ऐसे में कम ज्यादा चर्चा में ये मसले जरूर आ सकते हैं. इस मामले में पहले ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ऐलान कर चुके थे कि उनकी सरकार प्रदेश में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने के बारे विचार कर रही हैं.
लेकिन अब मतदान के लिए केवल पांच दिन बाकी रह गए है. ऐसे में इन दोनों ही मसलों का कितना लाभ बीजेपी को मिल पाएगा यह आने वाले दिनों में इस बात पर निर्भर करेगा कि बीजेपी इन मसलों को कितनी आक्रमकता और तीव्रता से जनता के बीच ले जा सकती हैं. अधिकांशत: बीजेपी का संकल्प पत्र इन दो मसलों को लेकर कांग्रेस के प्रतिज्ञा पत्र से जुदा है. वरना दोनों में एक जैसे मसलों को घटा बढाकर पेश किया गया हैं.
बीजेपी का संकल्प पत्र ‘सड़ा गला जुमलों से भरा’-लांबा
कांग्रेस की तरह ही बीजेपी ने भी महिलाओं को लुभाने का पूरा इंतजाम किया गया हैं. छात्रों के लिए साइकिल और स्कूटी पिछले पांच सालों में दी जा सकती है, लेकिन अब नया वादा किया गया गया है. यह वादा कांग्रेस की तरह ही वोट बटोरने के लिए किया गया महसूस हो रहा है.नड्डा ने बीजेपी के संकल्प पत्र के जारी होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली का जिक्र जरूर किया लेकिन वह संसाधनों के सृजन के बारे मे कुछ नहीं बता पाए.
जेपी नड्डा ने केंद्रीय योजनाओं को गिनाकर मोदी के नाम को भुनाने की कोशिश की हैं. लेकिन यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने और वक्फ बोर्ड की संपतियों की जांच करने को लेकर अपना अधूरा एजेंडा सेट करने की जरूर पहल कर दी हैं. वहीं कांग्रेस की हिमाचल प्रवक्ता अल्का लांबा ने बीजेपी के संकल्प पत्र को लेकर कहा कि यह संकल्प पत्र नहीं सड़ा गला जुमलों से भरा घोषणा पत्र हैं.
http://dhunt.in/EQJP0?s=a&uu=0x5f088b84e733753e&ss=pd Source : “TV9 Bharatvarsh”
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