भारत को मिली जी20 की कमान, घोषणापत्र में मोदी के शांति के संदेश को दी गई जगह, गदगद हुए पीएम मोदी। एनडोनेशिया के बाली द्वीप पर बुधवार तक बीते दो दिनों में दुनिया के दिग्गज नेताओं का जमावड़ा रहा। जी20 देशों के नेताओं की यह बैठक ऐसे समय में हुई, जब पूरी दुनिया यूक्रेन संकट से पैदा हुई चुनौतियों का सामना कर रही है।
वहीं, कोविड-19 महामारी से दुनिया अभी उबर रही है और जलवायु परिवर्तन की चुनौती मुंह बाए खड़ी है। दूसरी तरफ, वैश्विक नजरिया देखें तो पूरी दुनिया यूक्रेन संकट पर दो ध्रुवों में बंटी दिख रही है, लेकिन भारत ने जी20 को राजनीतिक घमासान का मंच बनने नहीं दिया। अंतिम दिन इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने भारत को जी20 की अध्यक्षता सौंप दी। इसका वीडियो भी सामने आया है, जिसमें गदगद पीएम नरेंद्र मोदी मेजबानी स्वीकार करते दिखते हैं।
जी-20: यह है भारत की थीम
मोदी ने कहा कि जी-20 को शांति और सौहार्द के पक्ष में एक दृढ़ संदेश देना होगा। उन्होंने कहा, ये सभी प्राथमिकताएं, भारत की जी- 20 अध्यक्षता की थीम – एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य में पूर्ण रूप से समाहित हैं।
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भारत ने नहीं उभरने दी खेमेबाजी
जी20 समिट से पहले ही अमेरिका व पश्चिमी देशों ने एजेंडा तय कर लिया था। पूरी तैयारी रूस को यूक्रेन पर घेरने की थी। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने तो बार-बार इसे ‘जी19’ कहकर पुकारा। हालांकि पीएम मोदी व उनकी टीम ने यह तय किया कि कोई खेमेबाजी न हो। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी की पुतिन को दी गई सलाह जी20 घोषणापत्र का आधार बनी। साझा बयान में पीएम के बयान को प्रमुखता से शामिल किया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘आज का युग युद्ध का नहीं’ है।
बाइडेन और मोदी ने की समीक्षा
सम्मेलन में पीएम मोदी की कई राष्ट्राध्यक्षों से बात हुई। सबसे पहले बाइडेन और मोदी ने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की। साथ ही, पीएम मोदी ने दुनिया के कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें की। बाली में पीएम ने भी जर्मन चांसलर शोल्ज के साथ आर्थिक व रक्षा क्षेत्रों में सहयोग चर्चा की। भारतवंशी ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक से भी गर्मजोशी भरी चर्चा हुई। बुधवार को लंच पर फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से भी रक्षा, परमाणु ऊर्जा, व्यापार आदि क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर बात हुई।
ऋषि सुनक ने दी 3000 वीजा की मंजूरी
ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने भारतीय युवाओं हर साल 3000 वीजा देने की स्कीम को हरी झंडी दे दी। भारत इस योजना से लाभान्वित होने वाला पहला देश है। यूके पीएमओ ने कहा, यूके -इंडिया यंग प्रोफे शनल्स स्कीम की पुष्टि की गई, जिसमें 18-30 साल के शिक्षित भारतीयो को 3,000 वीजा व दो साल काम करने की पेशकश की गई है।
Source : “सच बेधड़क”
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