आयुष मंत्रालय ने वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया में आयुर्वेदिक विज्ञान में शैक्षणिक पीठ (एकेडमिक चेयर) स्थापित करने की घोषणा की

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आयुष मंत्रालय ने औपचारिक रूप से वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के एनआईसीएम हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट में तीन वर्ष की अवधि के लिए आयुर्वेद शैक्षणिक (एकेडमिक चेयर) की स्थापना की घोषणा की है। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली के एसोसिएट प्रोफेसर और प्रमुख (कौमारभृत्य विभाग) डॉ. राजगोपाला एस. को पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में आयुर्वेदिक विज्ञान अकादमिक पीठ के पद के लिए चुना गया है।

आयुष मंत्रालय में सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय (वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी) के कुलपति एवं अध्यक्ष (प्रेसिडेंट) प्रोफेसर बार्नी ग्लोवर और अन्य के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल से भेंट की। श्री प्रमोद कुमार पाठक, विशेष सचिव, डॉ. मनोज नेसारी, सलाहकार (आयुर्वेद), प्रो. तनुजा नेसारी, निदेशक, अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), डॉ. विद्यार्थी निदेशक आयुष मंत्रालय (एमओए), डॉ. राजगोपाला एस और आयुष मंत्रालय के अन्य अधिकारियों के साथ विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (ओशिनिया) सुश्री पारमिता त्रिपाठी इस अवसर पर उपस्थित थे।

इस अवसर पर आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है और मुझे विशवास है कि यह पीठ ऑस्ट्रेलिया में अकादमिक और सहयोगी अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने में हमारे सहयोग को मजबूत करेगी। यह हमारे वैज्ञानिक अभ्यासों के विश्वसनीय साक्ष्य के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली के साथ इसे एकीकृत करने के लिए अनुसंधान परिणामों के अनुप्रयोगों में भी सहायक होगाI

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वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी के कुलपति (वाइस चांसलर) और अध्यक्ष (प्रेसिडेंट) प्रोफेसर बार्नी ग्लोवर ने स्वीकार किया कि यह सहयोग पश्चिमी चिकित्सा और आयुर्वेदिक विज्ञान को एक साथ लाने में मदद करेगा।

यह अकादमिक पीठ (चेयर) आयुर्वेद में शैक्षणिक (अकादमिक) और सहयोगी अनुसंधान गतिविधियों का संचालन करेगा, जिसमें वानस्पतिक औषधियों एवं योग के साथ ही अकादमिक मानकों तथा लघु अवधि / मध्यम अवधि के पाठ्यक्रम और शैक्षिक दिशानिर्देश भी शामिल हैं। यह मजबूत ऑस्ट्रेलियाई नियामक ढांचे के भीतर, आयुर्वेद से संबंधित शिक्षण, अनुसंधान और नीति विकास में उत्कृष्टता को प्रदर्शित करने और उसे बढ़ावा देने में अकादमिक नेतृत्व प्रदान करेगा तथा पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल में साक्ष्य आधारित आयुर्वेद औषधियों के अनुप्रयोगों  तथा एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए रणनीति विकसित करेगा।

आयुष मंत्रालय ने भारत की मृदु शक्ति (सॉफ्ट पावर) के रूप में आयुर्वेद और योग को बढ़ावा देने तथा उसे स्थापित करने के लिए ठोस प्रयास किए हैं। इसे सुविधाजनक बनाने के लिए 16 देशों के साथ आयुष पीठ के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। आयुष मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (आईसी योजना) को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना भी विकसित की है जो कि आयुष चिकित्सा पद्धति के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने और मजबूत करने के लिए, विदेशों में आयुष प्रणालियों के अंतर्राष्ट्रीय प्रचार, विकास और मान्यता को सुविधाजनक बनाने तथा विशेषज्ञों के आदान-प्रदान हेतु अंतर्राष्ट्रीय समर्थन के लिए है।

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