Bill Getes ने पिया गटर का पानी, सूंघी टॉयलेट की गंध… बताया आखिर क्यों किया ऐसा?इक्रोसॉफ्ट के मुखिया बिल गेट्स (Bill Getes) को आज कौन नहीं जानता. लेकिन क्या आप जानते हैं कि उन्होंने कुछ ऐसे काम भी किए हैं जिन्हें सुनक आप हैरान रह जाएंगे. इनके बारे में उन्होंने खुद एक पोस्ट जारी कर बताया है।
लिंक्डइन पर शेयर की गई एक पोस्ट में दुनिया के छठे सबसे अमीर व्यक्ति ने खुलासा किया कि उन्होंने गटर का पानी पिया (gutter water) है और टॉयलेट की बदबू सूंधी है.
पोस्ट शेयर कर बताए कारनामे
Bill Getes ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट में लिखा, ‘मैंने बीते वर्षों में कई अजीब काम किए हैं..इनमें से एक ये है कि मैंने अमेरिकन कॉमेडियन जिमी फॉलन के साथ गटर का पानी पिया है और टॉयलेट की बदबू को सूंघा है और शीशे के जार में मानव मल को लेकर एक बार स्टेज भी साझा किया है.’ उन्होंने लिखा कि मेरी इन हरकतों को जानकर कुछ लोगों को हंसी जरूर आएगी. यह पोस्ट वर्ल्ज टॉयलेट डे के मौके पर 19 नवंबर को किया गया.
इसलिए किए अजीबो-गरीब काम
पोस्ट में Bill Getes ने अपनी जिंदगी में किए गए ऐसे अजीबो-गरीब काम करना स्वीकारा और ऐसा करने के पीछे की वजह का भी खुलासा किया. उन्होंने आगे लिखते हुए कहा, ‘मेरी इन हरकतों पर कुछ लोगों को हंसी आ सकती है, लेकिन मेरा उद्देश्य हमेशा लोगों का उस समस्या की तरफ ध्यान आकर्षित करना था, जो करीब 3.6 अरब लोगों को सीधे प्रभावित करती है. वह समस्या है स्वच्छता की खराब स्थिति.’
वैज्ञानिकों-इंजीनियरों को बोला- थैंक्यू
Getes ने अपनी इस पोस्ट में दुनियाभर के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को थैंक्यू भी बोला. उन्होंने लिखा, ‘हालांकि अब हम नए समाधानों की ओर बढ़ते जा रहे हैं, जो बीमारियों के रोकने में कारगर हैं. इसके लिए दुनियाभर के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों का धन्यवाद.’ बिल गेट्स का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है और तेजी से वायरल हो रहा है.
‘शौचालयों की कमी सिर्फ असुविधा नहीं’
Forbes के मुताबिक, 105 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ बिल गेट्स दुनिया के छठे सबसे अमीर इंसान हैं. सामाजिक उद्देश्यों के लिए इन अजीबो गरीब कामों को करने वाले रईस बिल गेट्स साल 2018 में विकासशील देशों में पर्याप्त टॉयलेट्स न होने की समस्या पर दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए बीजिंग में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान शीशे के जार में मानव मल को लेकर पहुंचे थे.
माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक का कहना है कि टॉयलेट्स के बिना रहना महज एक असुविधा नहीं है, बल्कि यह जीवन के लिए बेहद खतरनाक है. स्वच्छता की खराब स्थिति का मतलब दूषित पानी, दूषित मिट्टी और दूषित भोजन है, जो बीमारी और मौत का कारण बनता है.
Source : “आज तक”
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