हिमाचल में जानवरों-पक्षियों को ले सकते हैं गोद, दो लाख में मिलेगा शेर, एक करोड़ का पूरा चिड़ियाघर- देखें पूरी लिस्ट।प्रधान मुख्य संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव राजीव कुमार ने बताया कि इस योजना के तहत पूरा चिड़ियाघर या रेस्क्यू सेंटर भी गोद लिया जा सकता है. हिमाचल वन विभाग ने जानवर प्रेमियों को पशु-पक्षी गोद लेने की योजना को शुरू किया है. हिमाचल के चिड़ियाघर में मौजूद पशु-पक्षियों को अब गोद लिया जा सकता है. हालांकि, इसका ये मतलब नहीं कि जानवरों को घर ले जाने की अनुमति होगी बल्कि उसका खान-पीने का खर्चा उठाया जा सकता है. वहीं, इसके बदले वन विभाग उस जगह पर गोद लेने वाले शख्स के नाम की पट्टिका लगाएगा साथ ही अन्य सुविधाएं दी जाएंगी.
वन विभाग की इस योजना के तहत चिड़ियाघर के पशु-पक्षियों को गोद लेने के इच्छुक व्यक्ति वन विभाग के पास आवेदन कर सकते हैं. गोद लिए गए पशु-पक्षी का सालाना खर्चा विभाग के पास जमा करवाना होगा. हिमाचल प्रदेश में रेणुका, गोपालपुर, रिवाल्सर, कुफरी समेत पांच बड़े चिड़ियाघर हैं. इसके अलावा आठ रेस्क्यू सेंटर हैं जहां के जानवर गोद लिए जा सकते हैं.
पूरा चिड़ियाघर लिया जा सकता है गोद
प्रधान मुख्य संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव राजीव कुमार ने बताया कि इस योजना को अक्टूबर माह में शुरू किया गया था इसके तहत अभी तक 3 पक्षी व एक तेंदुए को गोद लिया गया है. इसमें राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने हिमाचल के राजकीय पक्षी जाजुराना को गोद लिया है. इस योजना के तहत चिड़ियाघर में मौजूद तेंदुआ, शेर, भूरा भालू, काला भालू, हिमाचल के राज्य पक्षी जाजुराना समेत अन्य पशु पक्षियों को गोद लिया जा सकता है. हर पशु या पक्षी को गोद लेने के लिए एक निश्चित राशि रखी गई है. ये रकम सालाना 5 हजार रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक है. इस योजना में पूरा चिड़ियाघर या रेस्क्यू सेंटर भी गोद ले सकते हैं।
हालांकि पशु पक्षियों को गोद लेने की योजना देश के कई राज्यों में चलाई जा रही है लेकिन अब इसे हिमाचल प्रदेश में लागू किया गया है. पशु पक्षियों को गोद लेने की सलाना फ़ीस निम्न रखी गई है.
तेंदुआ 2 लाख सालाना
शेर 2 लाख सालाना
भालू 2 लाख सालाना
सांभर 50 हजार सालाना
ग्रिफन वल्चर 50 हजार सालाना
घोरल 25 हजार सालाना
बारकिंग डियर 25 हजार सालाना
लैपर्ड कैट 25 हजार सालाना
ईमू 25 हजार सालाना
फीजेंट 12 हजार सालाना
लव वर्डस 12 हजार सालाना
कछुआ 12 हजार सालाना
पूरा चिड़ियाघर- 1 करोड़ सालाना
पूरा रेस्क्यू सेंटर 1 करोड़ सालाना
छोटे पक्षी 5 हज़ार सालाना
मनाली, सराहन, चायल की फीजेंटरी 25 लाख रुपये सालाना
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Source : “ABP न्यूज़”
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