समेकित बाल विकास परियोजना की जिला स्तरीय मॉनिटरिंग एवं समीक्षा कमेटी की बैठक आज उपायुक्त आशुतोष की अध्यक्षता में संपन्न हुई

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समेकित बाल विकास परियोजना की जिला स्तरीय  मॉनिटरिंग एवं समीक्षा कमेटी की बैठक आज उपायुक्त आशुतोष की अध्यक्षता में संपन्न हुई।
बैठक में उपायुक्त ने जानकारी दी कि जिले में कुल 45 समेकित बाल विकास परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें की आनी में आठ, बंजार में सात, कटराई
  में 11, कुल्लू में 12, निथर में 7 परियोजनाएं हैं।
आनी में कुल 172 आंगनवाड़ी, बंजार में 175 कटराइं में 242, कुल्लू में 305, एवं निथर में 147 आंगनवाड़ी केंद्र कार्यरत हैं।
उपायुक्त ने बताया की सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन कार्यक्रम के अंतर्गत 6 माह से 6 वर्ष तक के आयु वर्ग के बच्चों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं एवं युवतियों के लिए यह पोषण का कार्यक्रम चलाया जाता है जो कि आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से संचालित किया जाता है। उन्होंने कहा कि पोषण के अंतर्गत चावल, चीनी, रिफाइंड तेल, दलिया, चना दाल, मूंग दाल एवं नमक  उपभोक्ता एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के माध्यम से, म्यूट रीमिक्स, स्कीम्स दूध पाउडर एवं बिस्किट अजवाइन तथा ओट्स हिमाचल प्रदेश राज्य कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन के माध्यम से उपलब्ध करवाए जाते हैं।
सब्जियां, सोया ग्रेन्यूल, रोस्टेड मूंगफली एवं मसाला आंगनवाड़ी द्वारा अपने स्तर पर उपलब्ध करवाया जाता है।
  उपायुक्त ने जानकारी दी कि  शाला पूर्व शिक्षा में 3 से 5 वर्ष की उम्र के बच्चों को क्रिएटिव गतिविधियों के माध्यम से आंगनवाड़ी केंद्र में सिखाया जाता है। जिससे कि उनमें व्यवहारगत गुणों का संचार हो। उन्होंने कहा कि शालापूर्व शिक्षा के अंतर्गत कुल 6040 बच्चों को शिक्षा का लाभ दिया जा रहा है। उपायुक्त ने जानकारी दी कि मनरेगा योजना के अंतर्गत बनने वाले कुल 3 आंगनवाड़ी भवनों का निर्माण शीघ्र पूर्ण करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश दिए गए हैं।

उन्होंने जानकारी दी कि वर्ष 2021 में कुल 20 शौचालय के रखरखाव की स्वीकृति प्रदान की गई थी जिनमें से 2 का कार्य पूर्ण हुआ है तथा अन्य का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
उपायुक्त ने जानकारी दी कि बेटी है अनमोल योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवार में 19 मार्च 2018 के पश्चात पैदा हुई लड़कियों को ₹12000 की राशि दी जाती है जो कि लड़की के नाम पर फिक्स डिपॉजिट के रूप में जमा रखी जाती है तथा 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर लड़की को प्रदान की जाती है।इसी के साथ 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए उन्हें स्कॉलरशिप भी प्रदान की जाती है। वर्ष 2021 में यह राशि 12अगस्त 2021 के पश्चात 21000 की गई है तथा स्कॉलरशिप की सुविधा बंद कर दी गई है। इसके अंतर्गत अभी तक अभी तक कुल 36 लाख 75 हजार की राशि ख़र्च कर 525 लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया गया है।
उन्होंने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के अंतर्गत उन लड़कियों को सहायता की दी जाती है जिनके पिता का देहांत हो चुका है या उनके पिता आजीविका कमाने में असमर्थ हैं इसमें 51 हज़ार की सहायता राशि प्रदान की जाती है जिसके अंतर्गत वर्ष 2022 -23 मई 30 लाख 60 हजार रुपए ख़र्च कर 60 लाभार्थियों को लाभ प्रदान किया गया है।
उन्होंने जानकारी दी कि विधवा पुनर्विवाह योजना के अंतर्गत ₹200000 ख़र्च कर 4 लाभार्थियों को प्रति लाभार्थी 50,000 प्रत्येक को सहायता दी जाती है।
मदर टेरेसा मातृ संबल योजना के अंतर्गत 1556 बच्चों एवं 822 माताओं को कुल 3395636 रुपए का लाभ पहुंचाया गया है उन्होंने कहा कि पीएमएफबीवाई योजना के अंतर्गत 5000000 19000 रुपए खर्च कर 1642 लाभार्थियों को लाभ पहुंचाया गया है।
उपायुक्त ने शिक्षा विभाग से मुख्यमंत्री बाल सुपोषण योजना के अंतर्गत निजी स्कूल के बच्चों को इस ऐप से पंजीकृत करने का आग्रह किया उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निजी स्कूलों में एचबी टेस्टिंग करने के भी निर्देश दिए।
उपायुक्त ने बताया कि मुख्यमंत्री शगुन योजना के अंतर्गत दो करोड़ 66 लाख 26 लाख 66 हजार रुपए खर्च कर 86 लाभार्थियों को लाभ दिया गया है जो कि बीपीएल परिवारों से संबंध रखते हैं तथा इन परिवारों से संबंधित लड़कियों को विवाह करने हेतु ₹31000 की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
बैठक में ज़िला कार्यक्रम अधिकारी समेकित बाल विकास परियोजना पदम देव, निदेशक उच्च शिक्षा शांति लाल, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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