सुक्खू सरकार में कुल्लू को CPS के रूप में मिला झुनझुना, जिले को मंत्री पद न मिलने से जनता निराश । कूल्लू जिले को इस बार कैबिनेट में कोई जगह नहीं मिली है. रविवार को सुक्खू सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार हुआ. इस दौरान 6 विधायकों को सीपीएस बनाया गया. जबकि, 7 मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली.
कुल्लू: जिला कुल्लू को इस बार कांग्रेस सरकार में फिलहाल कोई मंत्री पद नहीं मिल पाया है. ऐसे में पहली बार जिला कुल्लू के हाथ सीपीएस के रूप में झुनझुना मिला है और जनता भी मंत्री पद न मिलने से निराश हुई है. हालांकि आज से पहले चाहे प्रदेश में भाजपा सरकार रही हो या कांग्रेस, जिला कुल्लू को मंत्री पद हर बार मिलते रहे (MLA Sunder Thakur Became CPS) हैं.
शेरे कुल्वी के नाम से मशहूर स्व. लाल चंद प्रार्थी हिमाचल सरकार में जिला कुल्लू से सबसे पहले मंत्री बने थे. इसके बाद स्व राजकृष्ण गौड, स्व. ठाकुर कुंज लाल, सत्य प्रकाश ठाकुर, खीमी राम शर्मा, स्व. कर्ण सिंह, गोविंद सिंह ठाकुर भी सरकार में मंत्री रहे. लेकिन इस बार कुल्लू जिले को मंत्री पद न देने से जनता में हताशा नजर आ रहा है. (MLA Sunder Thakur).
पूर्व बीजेपी सरकार में तो कुल्लू व लाहौल को दो मंत्री पद मिले थे. कुल्लू जिले से गोविंद सिंह ठाकुर और लाहौल से राम लाल मारकंडा मंत्री बने थे. इस बार क्यास लगाए जा रहे थे कि कुल्लू जिले का मंत्री पद पक्का है और लाहौल को सीपीएस मिल सकता है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जिससे जनता निराशा है. चर्चा यह थी कि सुक्खू मंत्रिमंडल शिमला व कांगड़ा की लड़ाई में लटक रहा है और कुल्लू में तो किसी तरह का विघ्न नहीं था. बावजूद इसके कुल्लू को मंत्रिमंडल में जगह न मिलना जनता के लिए हैरतअंगेज है.
वहीं, कुल्लू जिला लाहौल-स्पीति का भी नेतृत्व करता है. माना जा रहा था कि कुल्लू व लाहुल जिले के लिए सुंदर ठाकुर के रूप मंत्री पद मिलेगा और लाहौल को सीपीएस. इससे पहले भी कुल्लू व लाहौल दोनों जिलों को सरकार में दो-दो मंत्री मिलते रहे हैं. जबकि इस बार इन दोनों जिलों को दरकिनार करना कितना तर्कसंगत है, इसका परिणाम भविष्य के गर्व में छुपा है।
Source : “ETV Bharat हिंदी”
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