कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधीर-धर्माणी मंत्री बनाने को फोन कर बुलाए, सुबह दोनो के साथ खेला हो गया

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Himachal Cabinet: कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सुधीर-धर्माणी मंत्री बनाने को फोन कर बुलाए, सुबह कट गए नाम।प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दो सचिवों के साथ बड़ा खेल हो गया। सुधीर शर्मा और राजेश धर्माणी को शनिवार दोपहर बाद मुख्यमंत्री ने खुद फोन कर शिमला बुलाया था।

देर रात तक दोनों का नाम मंत्रियों की सूची में शामिल था। रविवार सुबह दोनों का नाम इस सूची से कट गया। शनिवार रात तक मंत्री बन रहे सुधीर शर्मा और राजेश धर्माणी की ताजपोशी के आड़े पार्टी हाईकमान आया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की ओर से हाईकमान को सौंपी गई संभावित दस मंत्रियों की लिस्ट में इन दोनों वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल थे।

रविवार सुबह मंत्री नहीं बनने से नाराज सुधीर शर्मा अन्य मंत्रियों के शपथ समारोह में शामिल होने के लिए राजभवन भी नहीं गए। उन्होंने शिमला से धर्मशाला की राह पकड़ ली। राजेश धर्माणी भी शिमला आते हुए बीच रास्ते से घुमारवीं वापस चले गए। सरकार को सत्ता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले जिला कांगड़ा से पूर्व मंत्री और धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा का विधानसभा चुनाव के समय टिकट भी फंसा था।

कांग्रेस की राज्य चयन कमेटी ने धर्मशाला से सुधीर को प्रत्याशी बनाने की सिफारिश की थी। दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में सुधीर के नाम को होल्ड कर दिया गया था। सुधीर को प्रत्याशी बनाने का मामला पार्टी की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी तक गया था। लंबे मंथन के बाद सुधीर को टिकट मिला था। सुधीर शर्मा के धर्मशाला से उपचुनाव नहीं लड़ने को लेकर हाईकमान ने नाराजगी जताई थी।

अब उन्हें मंत्री नहीं बनाए जाने को भी उसी मामले से जोेड़ कर देखा जा रहा है। उधर, हिमाचल से कांग्रेस के दूसरे राष्ट्रीय सचिव राजेश धर्माणी की भी ताजपोशी नहीं हुई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह जिला बिलासपुर के घुमारवीं से विधायक राजेश धर्माणी की हाईकमान से नजदीकियां हैं। उनकी जुझारू छवि को देखते हुए पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कई जिम्मेवारियां भी सौंपी गई। इसके बावजूद उन्हें मंत्री पद नहीं मिलना कई सवाल खड़े कर रहा है। माना जा रहा है कि शिमला संसदीय सीट को अधिक तवज्जो देने के चक्कर में धर्माणी का पत्ता कटा है।

नाराज विधायकों को साथ रखना होगा चुनौती
मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होने से नाराज हुए विधायकों को साथ रखना मुख्यमंत्री सुक्खू के लिए चुनौती भरा कार्य रहेगा। सुधीर शर्मा, राजेश धर्माणी के अलावा राजेंद्र राणा, इंद्रदत्त लखनपाल, संजय रतन, यादवेंद्र गोमा और कुलदीप सिंह राठौर के साथ सुक्खू को सामंजस्य बैठाना होगा।

सुधीर ने फेसबुक पर लिखा : ‘भाग्य की पंक्ति पहियों की पंक्ति की तरह’
सुधीर शर्मा ने रविवार शाम को फेसबुक पर संस्कृत में पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि जैसे-जैसे समय के साथ दुनिया बदलती है, भाग्य की पंक्ति पहियों की पंक्ति की तरह हो जाती है। उन्होंने संस्कृत में लिखा कि ‘कालक्रमेण जगत परिवर्तमाना, चक्ररिपंक्तिरिव गच्छति भाग्यपंक्ति।’ सुधीर ने यह भी लिखा कि ‘शांत प्रयासात्पूर्वं विषमादनंतरं च।’ विकराल की कल्पना असंभव है। इस पोस्ट पर उनके कई समर्थकों ने भी कमेंट किए हैं। समर्थकों ने लिखा है कि हम हमेशा आपके साथ खड़े हैं। आशा है कि जल्द ही आपको मंत्री पद मिलेगा। समर्थकों ने जिला कांगड़ा से मंत्रिमंडल विस्तार में हुई अनदेखी को लेकर भी बेबाकी से कमेंट किए हैं।

Source : “अमर उजाला”

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